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Showing posts from September, 2022

करामत ए ताज्जुशशरिअ

*🇮🇳सिराते-मुस्तक़ीम🍂* *🌸उम्दा इस्लामिक ग्रुप🖋* *👑करामात-ए-ताज्जुशशारिया👑*            *(🏷पोस्ट-:01)*   *🕌नमाज़ के लिए ट्रेन का रुकना🚆* _11 मार्च 2015 ई को हज़रत ताजुश्शरीआ बनारस के लिए काशी विशनाथ एक्सप्रेस से रवाना हुये।_   *_अस्र की नमाज बरेली जंक्शन पर अदा फरमाई। मग्रिब शाहजहानपुर में अदा की और इशा के वक्त ट्रेन लखनऊ पहुँच गई स्टेशन पहुंचने से पहले हजरत बैतुलखुला गए जब हात से फारिग हुये तो ट्रेन के छूटने का वक्त हो गया हज़रत जब बैतुलखुला से बाहर तशरीफ लाये उस वक्त तक_*  _ट्रेन रवाना नही हुई थी, मगर चन्द लमहा मे ट्रेन चलने लगी हजरत नमाज इशा अदा करने के लिए जाये नमाज निकालने का हुक्म देरहे थे बरादरम मुहम्मद यूसुफ अख्तर रज़वी ने बैग से जाये नमाज निकाली,_  _हजरत ने फरमाया मुसल्ला बिछा दो तो यूसुफ रज़वी ने कहा कि हुजूर ट्रेन चलने लगी है हज़रत के हुक्म पर  मुसल्ला बिछा दिया गया जैसे ही _मुसल्ला पर हज़रत ने कदम रखा फ़ौरन ट्रेन रुक गई हज़रत नमाज_  _के लिए खड़े हो गये ट्रेन में जगह तंग और हज़रत की नक्राहत को देखते हुये ए...

🤳🏼दर्से सलीका ए ज़िन्दगी 💖

* 🇮🇳"सिराते मुस्तक़ीम * * इस्लामिक व्हाट्सएप ग्रुप * * 💝 आपकी जिन्दगी के जरूरी मसाईल *                     📮पोस्ट नम्बर::- 1️⃣ * 💍निकाह के फज़ाइल * 🌏 खालिके कायनात ने मर्दो औरत के दरमियान एक दूसरे की मुहब्बत से सुकून हासिल करने और लुत्फ़ अन्दोज़ होने की जो ख्वाहिश रखी है उसका नाम जिमाअ है इस ख्वाहिश को पूरा करने के लिये शरीअते इस्लामी ने निकाह का तरीका बताया है निकाह हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की निहायत अहम सुन्नत है निकाह आपस में उन्सो मुहब्बत इख्लासो हमदर्दी पैदा होने का सबब है निकाह से दो अजनबी अफराद रिश्तए इज़्दिवाज में मुन्सलिक हो जाते हैं और एक दूसरे के सच्चे हमदर्द और ज़िन्दगी भर के लिये शरीके हयात बन जाते हैं!! 📄 क़ुरआन में अल्लाह तआला इरशाद फ़रमाता है तर्जुमा * तो निकाह मे लाओ जो औरतें तुम्हें खुशआयें * 🔮 और अल्लाह ने तुम्हारे लिए तुम्हारी जिन्स से औरतें बनायीं और तुम्हारे लिए तुम्हारी औरतों से बेटे और पोते और नवासे पैदा किये!! * (📚सलिक़ -ए- ज़िन्दगी, सफह 7-8) * ➡️पोस्ट जारी...

हज़रत फातिमा रज़ियल्लाहु तआला अन्हा की जिन्दगी मुबारका

🇮🇳"सिराते मुस्तक़ीम ग्रुप: *🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम* इस्लामिक व्हाट्सएप ग्रुप *💍हज़रत फातिमा रज़ियल्लाहु तआला अन्हा की जिन्दगी मुबारका*            *पोस्ट नम्बर::1️⃣* *💫नाम लक़ब और आपकी पैदाइश* 📝नाम व लकब और साले पैदाइश आप का नाम “फातिमा” और लकब *“ज़हरा" व "बतूल'* है! सरकारे दो आलम सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम की साहिब ज़ादियों में सब से छोटी लेकिन सब से ज्यादा प्यारी और लाडली हैं। आप की पैदाइश के साल में इख़्तिलाफ है, बाज़ लोगों ने कहा कि जब नबीए करीम अलैहि अफज़लुस् सलवाति व अक्मलुत तस्लीम की उम्र शरीफ 41 बरस की थी, आप पैदा हुई। और कुछ लोगों ने लिखा है कि ऐलाने नुबुव्वत से एक साल क़ब्ल उन की विलादत हुई और अल्लामा इब्ने जौज़ी ने तहरीर फरमाया है कि ऐलाने नुबुव्वत से पांच साल पहले जब *ख़ानाए काबा की तामीर हो रही थी आप पैदा हुई।* *(📚खुत्बाते मुहर्रम सफ़ह 299)* *~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~* *हर व्हाट्सएप पर दीनी मैसेज पढ़ने के लिए नीचे लिखे नम्बर पर मैसेज करें लेडिश/ जेन्स* *📲9711933871* *🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम* इस्लामिक व्हाट्सएप ग्रुप *💍हज़रत फातिमा रज़ियल्लाहु तआला अन...

बच्चों और बूढ़ों के लिए नसीहत भरे वाकियात

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम* इस्लामिक व्हाट्सएप ग्रुप *📑बच्चों और बूढ़ों के लिए नसीहत भरे वाकियात*              *पोस्ट नम्बर::- 1️⃣* *💰बेगर्ज़ नेकी* 🚗एक नेक औरत कहीं गाड़ी में सवार जारही थी कि उसे सड़क पर छोटी उम्र का एक लड़का नजर आया. जो नंगे पाँव चला जारहा था और बहुत थका हुवा मालूम होता था. यह देख कर नेक औरत ने ड्राइवर से कहा. गरीब लड़के को गाड़ी में बिठा लो. उस का किराया मैं अदा कर दूंगी इसके बीस साल बाद उसी सड़क पर एक कप्तान. गाड़ी पर सवार चला जारहा था. उसकी नज़र इत्तेफाक़न एक बूढ़ी औरत पर जा पड़ी. जो थकी हुई चाल से पैदल चल रही थी यह देख कर कप्तान ने ड्राइवर को हुक्म दिया कि गाड़ी रोक कर उस बुढ़ी औरत को भी साथ बिठालो. उस का किराया मैं अदा कर दूंगा जब मनज़िल पर सारी सवारियाँ गाड़ी से उतरने लगीं तो बूढ़ी औरत ने कप्तान का शुक्रिया अदा करके कहा कि इस वक्त मेरे पास किराया अदा करने के लिये दाम नहीं है कप्तान ने कहा तुम बिल्कुल फिक्र न करो, मैंने किराया दे दिया है. क्योंकि मुझे बूढ़ी औरतों को पैदल चलते देख कर हमेशा तरस आजाता है वजह यह है कि कोई बीस साल हुए 👤ज...