सच्ची हिक़ायत


*🇮🇳"सिराते मुस्तक़ीम*

   

*⭐नेक नियती इख्तियार करना*
              *पोस्ट नम्बर::1⃣*

🌊पुराने जमाने मे एक बुढ़ा और एक नौजवान दोनो मिलकर एक जमील खरीदी। उसमे गंदम बोई। खेती जब पककर तैयार हुई, कटाई हो चुकी।

👥दोनो अपना अपना हिस्सा तकसीम करने लगे तो बुढ़ा अपना हिस्सा लेता और चुपके से नौजवान की तरफ सरका देता। कहा की शायद उसकी उम्र मे बरकत हो और उसे ज्यादा गंदुम की हाजत हो। मै तो बुढ़ा हो चुका हुं मुझे ज्यादा गंदुम की क्या हाजत??

✨जवान अपना हिस्सा लेता तो चुपके से वह भी बुढ़े की तरफ सरका देता। कहता की बुढ़ा अयालदार है उसे ज्यादा गंदुम दरकार होगी। ज्यों ज्यों यह दोनो आपस मे मामला करते रहे गंदुम बढ़ते गयी। खत्म होने मे न आती थी।

🌸जब यह दोनो तकसीम करते-करते थक गये तो दोनो ने एक दुसरे की नियत ब्यान की तो पता चला की बरकत हमारी नेक नीयती के बाइस है। बादशहे वक्त को उन दोनो के इस मामले का पता चला तो उसने इस जखीरा गंदुम से एक दाना मंगवाकर अपने खजाने मे रखा उसकी बरकत से उसके खजाने मे भी बरकत पैदा हो गयी।

*(📚नुजहतुल मजालिस, जिल्द-1, सफा-390 )*

*📜सबक* नेक नीयती से रिज्क मे बरकत पैदा होती है बद्द नियाती से कहत पैदा होता है पहले लोग दुसरो के खैर ख्वाह और ईसा और पेशा थी। इसी वजह से वह लोग मआशी तंगी मे मब्तला न थे। आजकल दुनियां भर मे बदनियाती और जुल्म व सितम आम है इसलिए सारी दुनियां मआशी तंगी मे मुब्तला है

पस हमे चाहिए की अपने भाईयों की हक तलाफी न करे बल्कि हत्तुल इम्कान दुसरो पर एहसान करना चाहिए।
✨➖✨➖✨➖✨
रोजाना दीनी मैसेज पढ़ने के लिए  हमारे नम्बर पे मैसेज करें लेडिश जेन्स दोनो ग्रुप मौजूद हैं अल्हम्दुलिल्लाह
*📲9711933871*

*🇮🇳"सिराते मुस्तक़ीम*

*💦मुकद्दस पानी🌻*

              *पोस्ट नम्बर::2⃣*

🌸एक मकाम पर हुजुर सल्ललल्लाहु अलैही वसल्लम) वजु फरमाया तो हजरत बेलाल रजी अल्लाहु अन्हु ने वजू से बचा हुवा पानी ले लिया। दिगर (और दुसरे) सहाबा-ए-किराम ने जब देखा की हजरत बेलाल (रजी अल्लाहु अन्हु) के पास *हुजुर सल्ललल्लाहु अलैही वसल्लम* के वजू का बचा हुवा पानी है।

🌻तो हजरत बेलाल (रजी अल्लाहु अन्हु) की तरफ दौड़े और मुकद्दस पानी को हासील करने की कोशीश करने लगे।जिस किसी को उस पानी से थोड़ा पानी मिलता ओ उस पानी को अपने मुंह पर मल लेते। और जिस किसी को न मिल सका तो उसने किसी दुसरे के हाथ से तरी लेकर मुंह पर हाथ फेर लेते।

*(📚मिसकात शरिफ, पेज-65,)*

*📜सबक* सहाबा-ए-किराम (रजी अल्लाहु अन्हु) को हर उस चिज से जिसे हुजूर (सल्ललल्लाहु अलैही वसल्लम) से कोइ निस्बत हासील हो गइ मोहब्बत व प्यार था और उसे वाजीब-ए-ताजीम समझते थे। उस से बरकत हासील करते थे। मालूम हुवा की तबार्रूक कोइ नयी बात और बिद्दत नही बल्की सहाबा-ए-किराम को भी मालुम था।

ये भी मालुम हुआ की अपने वाजु के बचे हुए पानी को बा-तौर तबार्रूक लेकर अपने चेहरो पर मल लेने का हुक्म *हुजूर सल्ललल्लाहु अलैही वसल्लम* ने भी नही दिया मगर सहाबा-ए-किराम फिर भी ऐसा करते थे उनकी मोहब्बत की वजह से था जो ऐन इमान है इसी तरह हुजूर *सल्ललल्लाहु अलैही वसल्लम* ने जुलुस, मिलाद, महफिल-ए-मिलाद अजान मे नाम-ए-पाक सुनकर अंगुठे चुमने का हुक्म अगर न भी दिये हो तो भी जो शख्स मोहब्बत की वजह से ऐसा करेगा ईनशाअल्लाह-वा-ताआला सहाबा-ए-किराम के सदके मे सवाब पायेगा,,
✨➖✨➖✨➖✨
रोजाना दीनी मैसेज पढ़ने के लिए  हमारे नम्बर पे मैसेज करें लेडिश जेन्स दोनो ग्रुप मौजूद हैं अल्हम्दुलिल्लाह
*📲9711933871*

*🇮🇳"सिराते मुस्तक़ीम*
   _एक उम्दा इस्लामी ग्रुप_

*🏰जजीरे का कैदी*

              *पोस्ट नम्बर::3⃣*

💫इब्ने मरजुक ब्यान करते है की जजीरए शकर के एक मुस्लमान को दुश्मन ने कैद कर लिया और उसके हाथ पाँव लोहे की जंजीरो से बाँधकर कैदखाने मे डाल दिया। उस मुस्लमान ने हुजूर *(सल्लल्लाहु अलैही व सल्लम)* का नाम लेकर फरियाद की 

जोर से कहने लगा या रसुलल्लाह! यह नारा सुनकर काफीर बोले अपने रसुल से कहो तुम्हे इस कैद से छुड़ाने आये फिर जब रात हुई और आधी रात का वक्त हुआ तो कैदखाने मे कोई शख्स आया और उसने कैदी से कहा उठो अजान कहो। कैदी ने अजान देना शुरू किया और जब वह इस जुमले_

*🌸अशहदुअन्न न मुहम्मदर्रसुल्लाह💫*

⛓पर पहुचा तो उसकी सब जंजीरे टुट गइ और वह आजाद हो गया फिर उसके सामने एक बाग जाहीर हो गया । वह उस बाग से होता हुआ बाहर आ गया सुबह उसकी रिहाइ का सारे जजीरे मे चर्चा होने लगा।_

*(📚शवाहिदुल हक, सफा-162)*

*📜सबक* मुस्लमान हुजुर (सल्लल्लाहु अलैही व सल्लम) का नारए रिसालत हमेशा लगते रहे है! इस नारे को मजाच उड़ाना दुशमनाने रिसालत का काम है। मालूम हुआ की *हुजूर सल्लल्लाहु अलैही व सल्लम* का नाम मुश्किल कुशा है की यह नाम लेते ही मुसीबत की कड़ीयां टुट जाती है,

✨➖✨➖✨➖✨
रोजाना दीनी मैसेज पढ़ने के लिए  हमारे नम्बर पे मैसेज करें लेडिश जेन्स दोनो ग्रुप मौजूद हैं अल्हम्दुलिल्लाह
*📲9711933871*

*🇮🇳"सिराते मुस्तक़ीम*
   _एक उम्दा इस्लामी ग्रुप_

*🌸अबुल-हसन खरकानी और हदीस का दर्स📖*

              *पोस्ट नम्बर::4⃣*

💫हजरत अबुल हसन खरकानी अलैहीर्रहम: के पास एक शख्स इल्मे हदीस पढ़ने के लिए आया और दरयाफ्त किया की आप ने हदीस कहाँ से पढ़ी?

💫हजरत ने फरमाया: बराहे रास्त हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से उस शख्स को यकीन न आया रात को सोया तो सोया तो हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ख्वाब मे तशरीफ लाये और फरमाया

🌻अबुल हसन सच कहता है।मैने ही उसे पढ़ाया है। सुबह वह हजरत अबुल हसन की खिदमत मे हाजीर हुआऔर हदीस पढ़ने लगा बाज मकामात पर हजरत अबुल हसन ने फरमाया: यह हदीस हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसIल्लम से मरवी नही है। उस शख्स ने पुछा आपको कैसे मालुम??

🌻फरमाया : तुमने हदीस मुबारक पढ़ना शुरू किया तो मैने अबरूए मुबारक को देखना शुरू किया । मेरी यह आँखे हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के चेहराए मुबारक पर है। जब हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि के चेहरे मुबारक पर शिकन पड़ती है तो मै समझ जाता हूँ की हुजूर सल्लल्लाहु तआला इस हदीस से ईन्कार फरमा रहे है।

*(📚तजकिरतुल औलीया, सफा 466)*
*📜सबक* हमारे हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम जिन्दा है और हाजीर व नाजीर है यह भी मालुम हुआ की अल्लाह वाले हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के दिदारे पुर अनवार से अब भी मुशर्रफ होते है फिर जो हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम को जिन्दा न माने वह खुद ही मुर्दा है,
✨➖✨➖✨➖✨
रोजाना दीनी मैसेज पढ़ने के लिए  हमारे नम्बर पे मैसेज करें लेडिश जेन्स दोनो ग्रुप मौजूद हैं अल्हम्दुलिल्लाह
*📲9711933871*

*🇮🇳"सिराते मुस्तक़ीम*
   _एक उम्दा इस्लामी ग्रुप_

*🌟एक सय्यदजादी और मजूसी✨*

              *पोस्ट नम्बर::5⃣*

♻मुल्क समरकंद मे एक बेवा सय्यदजादी रहती थी। उसके चन्द बच्चे भी थे । "एक दिन वह अपने भुखे बच्चो को लेकर एक रईस आदमी के पास पहंची और कहा: मै सय्यदजादी हूं मेरे बच्चे भुखे है। इन्हे खाना खिलाओ । वह रईस आदमी जो दौलत के नशे मे चुर और बराए नाम मुस्लमान था, कहने लगा तुम अगर वकाई सय्यदजादी हो तो कोई दालील पेश करो। सय्यदजादी बोली मै एक गरिब बेवा हुं। जबान पर एतेबार करो की सय्यदजादी हुं और दलील कया पेश करू?

🌻वह बोले मै जुबानी जमा खर्च को नही मानता अगर कोइ दलील है तो पेश करो वरना जाओ। वह सय्यदजादी अपने बच्चे को लेकर वापस चली आई एक माजूसी (पारसी आग पुजने वाले) रइस के पास पहुंची और अपना सारा किस्सा ब्यान किया। वह मजूसी बोला मोहतरमा! अगरचे मै मुस्लमान नही हुं मगर तुम्हारी सयादत की ताजीम व तौकीर व कद्र करता हुं। आओ और मेरे यहां ही क्याम फरमाओ। मै तुम्हारी रोटी और कपड़े का जमीन हुं । यह कहा और उसे अपने यहां ठहराकर उसे और उसके बच्चे को खाना खिलाया और उसकी बड़ी खिदमत की। रात हुई तो वह बराए नाम मुस्लमान रईस सोया और उसने ख्वाब मे हुजूर हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम को देखा जो एक बहुत बड़े नुरानी महल के पास तशरीफ फरमा थे।

🔮उस रइस आदमी ने पुछा *या रसुलल्लाह:  हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम* यह नुरानी महल किसके लिए है।??_

💫हुजूर हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया मुस्लमान के लिए। वह बोला हुजूर मै मुस्लमान हुं। यह मुझे अता फरमा दिजीए।

हुजूर हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया: अगर तु मुस्लमान है तो अपने इस्लाम की कोइ दलील पेश कर। वह रइस यह सुनकर बड़ा घबराया। हुजूर हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फिर उससे फरमाया: मेरी बेटी तुम्हारे पास तो तु उससे सयादता की दलील तलब करे और खुद बगैर दलील पेश किये इस महल मे चला जाए, नामुमकिन है। यह सुनकर उसकी आँखे खुल गयी और बड़ा रोया। फिर उस सय्यदजादी की तलाश मे निकला तो उसे पता चला की फला मजूसी के घर क्याम पजीर है। चुनांचे उस मजुसी के पास और कहा एक हजार रूपये ले लो और वह सय्यदजादी मेरे सुपुर्द कर दो।

*🔮मजूसी बोला ::* क्या मै वह नुरानी महल एक हजार रूपये मे बेच दुं?? नामुमकीन है। सुन लो! *हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम* जो तुम्हे ख्वाब मे मिलकर उस महल से दुर कर गये है। वह मुझे ख्वाब मे मिलकर और कलीमा पढ़ाकर उस महल मे दाखील फरमा गये है। अब मै भी बिबी भी बच्चो समेत मुस्लमान हुँ। मुझे हुजूर बशारत दे गये है की तु अहल व अयाल समेत जन्नती है

*(📚नुजहतुल मजालिस, जिल्द-2, सफा-64)*

*📜सबक* दलील तलब करने वाला बराए नाम मुस्लमान भी जन्नत से महरूम रह गया और निस्बते रसुल का लिहाज करके बगैर दलील के भी ताजीम व अदब करने वाला एक मजूसी भी दौलते ईमान से मुशर्रफ होकर जन्नत पा गया।


💫मालूम हुवा की अदब व ताजीमे रसूल के बाब मे बात बात पर दलील तलब करने वाला बराए नाम मुस्लमान बदबख्त और महरूम रह जाने वाला है,
✨➖✨➖✨➖✨
रोजाना दीनी मैसेज पढ़ने के लिए  हमारे नम्बर पे मैसेज करें लेडिश जेन्स दोनो ग्रुप मौजूद हैं अल्हम्दुलिल्लाह
*📲9711933871*

*🇮🇳"सिराते मुस्तक़ीम*
   _एक उम्दा इस्लामी ग्रुप_

*🔮हजरत आदम अलैहीस्सलाम और शैतान🔥*

              *पोस्ट नम्बर::6⃣*

🌻हज़रत आदम अलैहिस्सलाम और शैतान खुदावंद करीम ने फ़रिश्तों में जब एलान फ़रमाया कि मैं ज़मीन पर अपना एक ख़लीफ़ा बनाने वाला हूं तो शैतान ने इसका बहुत बुरा माना। अपने जी ही जी में हसद की आग में जलने लगा।

🌟चुनांचे जब खुदा ने हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को पैदा फ़रमाकर फ़रिश्तों को हुक्म दिया कि मेरे खलीफ़ा के आगे सज्दे में झुक जाओ तो सब सज्दे में झुक गये। मगर शैतान अकड़ा रहा और न झुका। खुदावंद करीम को उसका यह तकब्बुर पसंद न आया उससे दरयाफ्त फ़रमाया
कि ऐ इबलीस । मैंने जब अपने दस्ते कुदरत से बनाए हुए ख़लीफ़ा के आगे सज्दा करने का हुक्म दिया तो तुमने क्यों न सज्दा किया शैतान ने जवाब दिया मैं आदम से अच्छा हूं। इसलिए कि मैं आग से बना हूं और वह मिट्टी
से बना है। फिर मैं एक बशर को सज्दा क्यों करता खुदा तआला ने इसका यह तकब्बुर भरा जवाब सुना तो फरमाया मरदूद निकल जा मेरी बारगाहे रहमत से जा तू क़्यामत तक के लिए मरदूद व मलऊन है 

*(📚सच्ची हिकायत हिस्सा,1सपह,63)*

*📜सबक ::* खुदा के रसुल और उसके मकबुलो की इज्जत व ताजीम करने से खुदा खुश होता है और उनको अपनी मिस्ल बशर समझकर उनकी ताजीम से इन्कार कर देना फेअले शैतानी है एक पैगम्बरे खुदा को सबसे पहले तहकीरन *(हकीर नजर से)* बशर कहने वाला शैतान है,,
✨➖✨➖✨➖✨
रोजाना दीनी मैसेज पढ़ने के लिए  हमारे नम्बर पे मैसेज करें लेडिश जेन्स दोनो ग्रुप मौजूद हैं अल्हम्दुलिल्लाह
*📲9711933871*

*🇮🇳"सिराते मुस्तक़ीम*
   _एक उम्दा इस्लामी ग्रुप_

*🔮शैतान का थूक•🔥*

              *पोस्ट नम्बर::7⃣*

💫अल्लाह ने जब हज़रत आदम अलैहिस्सलाम का पुतला मुबारक तैयार फ़रमाया तो फ़रिश्ते हज़रात आदम अलैहिस्सलाम के इस पुतला मुबारक की ज़ियारत करते थें मगर शैतान जल भून गया।

🔥एक मर्तबा उस मरदूद ने बुग्ज़ व कीने में आकर हज़रते आदम अलैहिस्सलाम के पुतले मुबारक पर थूक दिया। यह थूक हज़रते आदम अलैहिस्सलाम के नाफ मुबारक के मक़ाम पर पड़ी । अल्लाह तआला ने जिब्रइल अलैहिसलाम को हुक्म दिया की इस जगह से उतनी मिटटी निकल कर उस मिटटी का कुत्ता बना दो ।

🌸चुनांचे उस शैतान के थूक से मिली मिटटी का कुत्ता बना दिया गया। यह कुत्ता आदमी से मानूस इसलिए है की मिटटी हज़रते आदम अलोहिस्सलाम की है और पलीद (गन्दा) इसलिए है की थूक शैतान की है। रात को जहत इसलिए है की हाथ इसमें जिब्राइल अलैहिस्सलाम के लगे हैं।
*(📚सच्ची हिकायत हिस्सा,1सपह,63)*
*📜सबक::* शैतान के थूक से हज़रते आदम अलैहिस्सलाम का कुछ नहीं बिगड़ा। मगर मक़ामे नाफ़ शिकम (पेट) के लिये वजहे ज़ीनत बन गया

💎इसी तरह अल्लाह के बारगाह में गुस्ताख़ी करने से उन अल्लाह वालों का कुछ नहीं बिगाड़ता है बल्कि उनकी शान और भी चमकती है यह भी मालूम हुआ की अल्लाह वालों को हसद व नफ़रत की निगाह से देखना शैतानी काम है
✨➖✨➖✨➖✨
रोजाना दीनी मैसेज पढ़ने के लिए  हमारे नम्बर पे मैसेज करें लेडिश जेन्स दोनो ग्रुप मौजूद हैं अल्हम्दुलिल्लाह
*📲9711933871*

*🇮🇳"सिराते मुस्तक़ीम*
   _एक उम्दा इस्लामी ग्रुप_

*🌼हजरत आदम अलैहीस्सलाम और जंगली हिरण 🦌*

              *पोस्ट नम्बर::8⃣*

🌻​हजरत आदम अलैहीस्सलाम जब जन्नत से जमीन पर तशरिफ लाये तो जमीन के जानवर आपकी ज्यारत को हाजीर होने लगे। हजरत आदम अलैहीस्सलाम हर जानवर के लिए उसके लायक दुआ फरमाते। इसी तरह जंगल के हिरन भी सलाम करने और ज्यारत के नियत से हाजीर हुए। आपने अपना हाथ मुबरक उनकी पुस्तो (पिठो) पर फेरा उनके लिए दुआ फरमाई । तो उनमे नाफ-ए-मुश्क पैदा हो गयी। वह हिरन जब यह खुश्बु का तोहफा लेकर अपने कौम मे वापस आये तो हिरनो के दुसरे गिरोह ने पुछा की यह खुश्बु तुम कहां से लाये?​

🌸​वह बोले अल्लाह का पैगम्बर आदम अलैहीस्सलाम जन्नत से जमीन पर तशरिफ लाये है। हम उनकी ज्यारत के लिए हाजीर हुए थे तो उन्होने रहमत भरा अपना हाथ हमारी पुश्तो पर फेरा तो यह खुश्बु पैदा हो गयी।​

​🦌हिरनो का वह दुसरा गिरोह बोला : तो फिर हम सभी जाते है। चुनांचे वह बी गये । हजरत आदम अलैहीस्सलाम ने उनकी पुश्तो पर भी हाथ फेरा मगर उनमे वह खुश्बु पैदा न हुइ । वह वैसे ही वापस आ गये। वापस आकर वह तअज्जुब मे होकर बोले की क्या बात है।? तुम गये तो खुश्बु मिल गई और हम गये तो कुछ न मिला ​पहले गिरोह ने जवाब दिया - उसकी वजह यह है की हम गये थे सिर्फ जियारत की नियत से तुम्हारी नियत दुरूस्त न थी।​

*(📚सच्ची हिकायत हिस्सा,1सपह,65)*

*सबक::* अल्लाह वालो के पास नेक नियत से हाजीर होने मे कुछ मिलता है मगर किसी बदबख्त को कुछ न मिले तो उसकी नियत का कुसूर होता है अल्लाह वालो की दैन व अता का कोइ कुसूर नही होता,,
✨➖✨➖✨➖✨
रोजाना दीनी मैसेज पढ़ने के लिए  हमारे नम्बर पे मैसेज करें लेडिश जेन्स दोनो ग्रुप मौजूद हैं अल्हम्दुलिल्लाह
*📲9711933871*

*🇮🇳"सिराते मुस्तक़ीम*
   _एक उम्दा इस्लामी ग्रुप_

*🌻मुसा अलैहीस्सलाम का मुक्का👊🏻*

              *पोस्ट नम्बर::9⃣*

🌸हजरत मुसा अलैहीस्सलाम जब 30 साल के हो गये तो एक दिन फिरऔन के महल से निकल कर शहर मे दाखील हुए। आप दो आदमीयो को आपस मे लड़ते हुए झगड़ते देखे।

🌻एक तो फिरऔन का बावरची था और दुसरा हजरत मुसा अलैहीस्सलाम की कौम यानी बनी इसराइल मे से था। फिरऔन का बावरची लकड़ीयो की गट्ठर ऊस दुसरे आदमी पर लाद कर उसे हुक्म दे रहा था की वह फिरऔन के बावरचीखाने तक वह लकड़ीयो को लेकर चले।

हजरत मुसा अलैहीस्सलाम ने यह बात देखी तो फिरऔन के के बावरची से फरमाया: इस गरिब आदमी पर जुल्म न कर । लेकीन वह बाज न आया और बदजुबानी पर उतर आया हजरत मुसा अलैहीस्सलाम उसे एक मुक्का मारा तो उस एक मुक्के से उस फिरऔनी का दम निकल गया और वह वही ढ़ेर हो गया

*(📚सच्ची हिकायत हिस्सा,1सपह,65)*

*📜सबक::* अंबियाए किराम मजलूमो के हामी बनकर तशरिस लाए है यह मालुम हुआ की नबी सीराते सुरत और जोर व ताकत मे भी बुलंद व बाला होते है नबी का मुक्का एक इम्तियाजी मुक्का था की एक ही मुक्का से जालिम का कम तमाम हो गया!!!

✨➖✨➖✨➖✨
रोजाना दीनी मैसेज पढ़ने के लिए  हमारे नम्बर पे मैसेज करें लेडिश जेन्स दोनो ग्रुप मौजूद हैं अल्हम्दुलिल्लाह
*📲9711933871*

*🇮🇳"सिराते मुस्तक़ीम*
   _एक उम्दा इस्लामी ग्रुप_

*🌻मुसा अलैहीस्सलाम का तमांचा👋🏻*

              *पोस्ट नम्बर::🔟*


🌼​हजरत मुसा अलैहीस्सलाम के पास जब मलकुल मौत हाजीर हुए तो हजरत मुसा अलैहीस्सलाम ने मलकुल मौत को एक ऐसा तमांचा मारा की मलकुल मौत की​

​🔮आँखे निकल आइ मलकुल मौत फौरन वापस पलटे और अल्लाह के हुजूर अर्ज करने लगे ​इलाही आज तो तुने मुझे एक ऐसे अपने बन्दे की तरफ भेजा है। जो मरना ही नही चाहता । यह देख! की उसने मुझे तमांचा मार कर मेरी आँखे निकाल दी है। खुदा ताअला ने मलकुल-मौत की आँखे दुरुस्त फरमा दी और फरमाया मेरे बन्दे मुसा के पास फिर जाओ और एक बैल साथ लेते जाओ। मुसा से कहना की अगर तुम और जिना चाहते हो तो इस बैल के पुस्त पर हाथ फेरो । जितना बाल तुम्हारे हाथ के निचे आ जाएगें उतने ही साल जिन्दा रह लेना ।​

*📃​चुनांचे ::* मलकुल-मौत बैल लेकर फिर हाजीर हुए और अर्ज करने लगे : हुजूर! इसकी पुस्त पर हाथ फेरीये। जितने बाल आपके हाथ के निचे आ जायेंगे उतना साल आप और जीन्दा रह ले हजरत मुसा अलैहीस्सलाम ने फरमाया फिर इसके बाद तुम आ जाओगे अर्ज किया हाँ! तो फरमाया फिर अभी ले चलो

*(📚सच्ची हिकायत हिस्सा,1सपह,66)*

*📜सबक::* अल्लाह के नबीयो की यह शान है। की चाहे तो मलकुल-मौत को भी तमांचा मार दे। उसकी आँख तक निकाल दे ​​नबी वह होता है। जो मरना चाहे तो मलकुल-मौत करीब आता है। अगर न मरना चाहे तो मलकुल मौत वापस चले जाते है हलाकी अवाम की मौत इस शेअर के मिस्दाक होती है की लाई हयात आए कजा ले चली चले अपनी खुशी न आये न अपनी खुशी चले।​
✨➖✨➖✨➖✨
रोजाना दीनी मैसेज पढ़ने के लिए  हमारे नम्बर पे मैसेज करें लेडिश जेन्स दोनो ग्रुप मौजूद हैं अल्हम्दुलिल्लाह
*📲9711933871*

*🇮🇳"सिराते मुस्तक़ीम*
   _एक उम्दा इस्लामी ग्रुप_

*⭐लड़के की मां की पहचान*

              *पोस्ट नम्बर::1⃣1⃣*

⭐​हजरत *अली रजी अल्लाहु अन्हु* के जमाने मे दो औरतों ने बच्चे जने। रात अंधेरी थी। एक के यहां लड़का पैदा हुआ और एक के यहां लड़की। दोनो मे झगड़ा इस बात​ का पैदा हुआ कि हर एक कहती की मैनें लड़का जना है। आखिरकार दोनो *हजरत अली रजी अल्लाहु अन्हु* के पास लायी गयी। हर एक उनमे से यह कहती थी की लड़के की मां मै हुं। हजरत अली (रजी अल्लाहु अन्हु)ने फरमाया कि तुम दोनो थोड़ा-थोड़ा दुध छातियों से निकालकर दो बर्तन मे रखो।​

*​📃चुनांचे::-* ऐसा ही किया गया। आपने दोनो दुधो को तौला तो एक वजनी उतरा। फरमाया : जिसका दुध भारी है लड़का उसी का है। यह फैसला सुनकर लोगो ने पुछा की आपने यह मसअला कहां से निकाला।​

फरमाया खुदा ने मर्द को हर चीज मे फजीलत दी है। हत्ता की गिजा मे भी। बस इसी हकीकत के पेशे नजर सोचा था की लड़के की मां का दुध वजनी होगा

*(📚सच्ची हिकायत हिस्सा,1सपह,67)*
*📜सबक::* ​इस किस्म के मसले को हल करना इल्मे दिन ही की बदौलत हो सकता है कुरआन पाक का सही इल्म रखने वाला। कुरआन पाक से हर मुश्किल का हल पा लेते है।
✨➖✨➖✨➖✨
रोजाना दीनी मैसेज पढ़ने के लिए  हमारे नम्बर पे मैसेज करें लेडिश जेन्स दोनो ग्रुप मौजूद हैं अल्हम्दुलिल्लाह
*📲9711933871*

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*
_एक उम्दा इस्लामी ग्रुप_

       *🏞जंगली दरिन्दा*
         पोस्ट नम्बर-::1⃣2⃣

🌸एक शख्स ने हजरत अली (रजी अल्लाहु अन्हु) से अर्ज किया की हुजुर मेरा इरादा सफर का है। मगर मै जंगली दरिन्दो से डरता हुं। आपने उसे एक अंगुठी देकर फरमाया: जब तेरे नजदिक कोई खौफनाक जानवर आये तो फौरन कह देना की यह अली इब्ने तालीब की अंगुठी है।

इसके बाद उस शख्स ने सफर किया और इत्तेफाक से राह मे एक जंगली दरिन्दा उस पर हमला करने दौड़ा। उसने पुकार कर कहा:ऐ दरिन्दे! यह देख मेरे पास अली इब्ने तालिब की अंगुठी है। दरिन्दे जब हजरत अली की अंगुठी देखी तो अपना सिर आसमान की तरफ उठाया और फिर वहां से दौड़ता हुआ कही चला गया यह मुसाफिर जब सफर से वापस आया तो इसने सारा किस्सा हजरत अली को सुनाया। तो आप ने फरमाया : उस दरिन्दे ने आसमान की तरफ मुंह करके यह कसम खाई थी और कहा था की मुझे रब की कसम! मै इस इलाके मे बिलकुल हरगिज न रहुंगा जिसमे लोग अली इब्ने तालिब के सामने मेरी शिकायत करे।

*(📚नुजहतुल मजालिस जिल्द-2, सफा-351)*

*📜सबक-:: शेरे खुदा (रजी अल्लाहु अन्हु) का रोब व दबदबा जंगली शेरो और दरिन्दो पर भी था*
〰〰〰〰〰
*तालिब ए दुआ...*
*जुनैद रज़ा अजहरी...✍🏻*

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*
_एक उम्दा इस्लामी ग्रुप_

       *जिरह कवच की चोरी*
         पोस्ट नम्बर-::1⃣3⃣

एक मर्तबा हजरत अली (रजी अल्लाहु अन्हु) की जिरस चोरी हो गयी। एक यहुदी से बरामद हुइ। हजरत अली ने उससे फरमाया की यह तो मेरी जिरह है। यहुदी ने कहा अगर आपकी है तो दावा किजीए और कोइ गवाह पेश किजीए चुनांचे:-हजरत अली (रजी अल्लाहु अन्हु) ने हजरत शुरैह (रजी अल्लाहु अन्हु) की अदालत मे दावा कर दिया। हजरत अली (रजी अल्लाहु अन्हु) और वह यहुदी मुद्दई और मद्दुआ अलैह (जिस पर दावा किया जाये) की सुरत मे अदालत मे पेश हुए। काजी ने बगैर किसी रिआयत के दोनो के ब्यान लिये और हजरत अली से गवाह तलब किया। हजरत अली (रजी अल्लाहु अन्हु) ने अपने सहबजादे इमाम हसन (रजी अल्लाहु अन्हु) और गुलाम कम्बर को गवाही के लिए पेश किया। बेटे और गुलाम की गवाही हजरत अली के नजदिक जाएज थी। मगर काजी साहब के नजदिक जायज न थी। इस मसअले पर अमरुल मोमीनीन और काजी साहब के बिच इख्तिलाफ था।_

इसलिए काजी साहब ने अपना फतवे पर अमल करके हजरत अली का दावा खरिज कर दिया अदालत से बाहर निकलने पर यहुदी ने हजरत अली के चेहरे को बगौर देखा तो उसे कोइ रंज या मलाल नजर न आया यहुदी दिल मे सोचने लगा की हजरत अली खलीफाए वक्त और असदुल्लाह होने के बावजुद अपना दावा खरिज होते हुए देखकर कोई गुस्सा नही मनाया और आप बिलकुल नराज नही हुए। आखीर किस चीज ने इन्हे इस बात से रोका है। इस सवाल का जवाब यहुदी के दिल ही ने दिया की इस्लाम ने

📄चुनांचे:-यहुदी फौरन हजरत (रजी अल्लाहु अन्हु) के कदमो मे गीर गया और अर्ज की हुजुर मैने आपकी जिराह ली आपने मेरा दिल ले लिया कलीमा पढ़कर मुस्लमान हो गया।

*(📚 मुगनियुल वाइजीन सफा-576,)*
*📜सबक:: इस्लाम ने अदल व इंसाफ का हुक्म दिया है और हमारे बुजुर्गो ने हर हाल मे अदल व इंसाफ के साथ दिया है इस्लाम की नजर मे कानुन छोटे बड़े राई-रिआया और अमीर-गरिब सबके लिए बराबर है हमारे बुजुर्गो ने इसी अदल व इंसाफ और इस्लामी अखलाक की तलवार से दुनियां को फतह किया*
✨〰✨〰✨
*तालिब ए दुआ...*
*जुनैद रज़ा अजहरी...✍🏻*

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत पोस्ट,14*

 *💎हज़रते अली अबु तुराब*

एक दिन हजरत अली रजी अल्लाहु अन्हु मस्जीद की दिवार के पास जमीन पर अराम फरमा रहे थे। आपकी पिठ मिट्टी से लग रही थी इतने मे

💫हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम मस्जिद मे तशरिफ लाये। हजरत अली को जमीन पर लेटे देखकर आपको उठाया। आपकी पिठ अनवर से अपनी हाथ मुबारक से मिट्टी झाड़ते हुए फरमाया

मिट्टी वाले उठ बैठ हजरत अली को हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम के मुंह से अबु तुराब का लफ्ज कुछ ऐसा पसंद आया की आपको अपने असली नाम से ज्यादा यह नाम पसंद आने लगा। अली कहने से आप इतना खुश नही होते थे जितना अबु तुराब कहने से खुश होते थे।

*(📚तारिखुल खुलफा सफा-118)*

*📜सबक::-* हजरत अली (रजी अल्लाहु अन्हु का लकब 'अबु तुराब' हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम का रखा हुआ था इस नाम मे एक खास मुहब्बत जलवा फरमा है इसलिए हजरत अली को यह नाम बड़ा प्यारा था। की यह नाम प्यारे का रखा हुआ प्यारा नाम है।
✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,15*
  
*🌸हाकीम की तबदिली:*

✨इब्ने सबा यहुदी की साजीश से अहले मिस्र व कुफा और बसरा वाले हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु के खिलाफ हो गये और बसरा वालों ने एक मर्तबा बेबुनियादी शिकायत के खत लिखे जिनका जवाब हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु ने दिया मगर उन्होने जब दुसरी मर्तबा बेबुनियादी शिकायतो के खत लिखे तो हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु फिर कोइ जवाब नही दिया इसके बाद फिर इब्ने सबा यहुदी के उकसाने पर एक हजार मिस्र और इसी कद्र कुफी और पांच सौ बसरा के लोग हज के नाम पे मदीना मुनव्वरा की तरफ रवाना हुए मदीना मुनव्वरा को घेर लिया।

💎जब हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु ने देखा की लोग मुझे कत्ल करना चाहते है तो आप हजरत अली रजी अल्लाहु अन्हु के पास आये। और कहा की मेरी और तुम्हारी कराबात करीब होना, दोस्ती होना है लोग तुम्हारी बात मान लेंगे। इन लोगो को मना करो की मेरे खून से हाथ रंगीन न करे जो कूछ इनका मतलब है ब्यान करे मै पुरा करुंगा हजरत अली रजी अल्लाहु अन्हु उन लोगो के पास गयें। सख्ती से उनको रोका और पुछा तुम्हारा मतलब क्या है?

🔮उन्होने कहा की मिस्र से पहले हाकीम को बरखास्त किया जाये और मुहम्मद बिन अबी बक्र को मिस्र का हाकिम बनाया जायें। हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु ने उनका यह बात को तसलीम करके पहले हाकिम को हटा दिया और मुहम्मद बिन अबी बक्र को हाकीम बना दिया अहले मिस्र उस वक्त वापस चले गये।

*(📚तारिखुल खुलफा सफा-111, सिरतुस सालिहीन सफा-101)*

*📜सबक::-* यह बागी बराए नाम तलफदारी अली थे दरअसल इब्ने सबा यहुदी की साजीश का शिकार थे खुद हजरत अली रजी अल्लाहु अन्हु हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु ही के तरफदार थे चुनांचे आपने उन बागीयो को सख्ती से रोका और एक दुसरी रिवायत मे है की आपने हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु से फरमाया की ऐ अमीरुल मोमीनीन आप मुझे इजाजत दिजीए मै आपकी तरफ से इन बागीयों के साथ जंग करुं। मगर हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु ने फरमाया ऐ अली मै नही चाहता की मेरी वजह से लोगो का खुन बहे।

*(📚हयतुल हैवान जिल्द-1, सफा-46)*

✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,16*

*⏳रेत की चीनी बनगई⏳*

हजरत इब्ने अबी अयास अलैहीर्रहमा: फरमाते है की मै असकलान मे एक नौजवान मर्दे खुदा को देखा जो हमारे पास आकर बैठता और अच्छी अच्छी बातें सुनता। एक दिन उसने बताया की वह असकंद्रिया को जा रहा है।

🌟उसकी नेक सोहबत के असर से मै भी उसके साथ जाने के लिए तैयार हो गया। मैने कुछ रुपये साथ और रास्ते मे वह रुपये उसको देने चाहे मगर उसने लेने से इंकार कर दिये। मैनें जोर दिया की जरुर ले लो काम आयेंगे।

⚱उसने रेत की मुट्ठी भरकर अपने प्याले मे डाली और दरिया का कुछ पानी उसमे डाला और वह प्याला मेरे आगे बढ़ा दिया की लो खाओ मैने देखा की प्याले मे शक्कर मिले हुए कुछ सत्तु है मै यह देखकर हैरान रह गया और कहने लगा की जिसका काम इस तरह चल रहा हो उसे रुपये की क्या जारुरत है

*(📚रौजुल फाइक सफा-72)*

*📜सबक::-* यह है अल्लाह वालो की उनकी लिए रेत भी चीनी बन जाये और एक उनकी मिस्ल बनने वाले है जिन्हे देसी चीनी भी न मिले
✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,17*

*🏛शाही महल और बादशाह🏛*


एक बादशाह ने अपने लिए एक शाही महल बनवाया। जब वह बनकर तैयार हो गया तो एक दावते आम करके अपने दोस्तो व अहबाब को बुलाया। खाना खिलाने के बाद सबसे कहा की इस महल को देखो और जिसे कोइ नूक्स दिखाइ दे तो वह बताये।

📄चुनांचे:- सबने उस महल को देखा और सभी ने तारिफ की और बताया की यह हर लिहाज से मुकम्मल है और उसमे कोइ ऐब नही

🌸जब उन लोगो मे एक मर्द हक भी था बादशाह ने जब उससे पुछा तो उसने जवाब दिया की इसमे दो बहुत बड़ा ऐब है बादशाह हैरान होकर पुछ: कि वह कौन से उसने बताया की अव्वल यह महल एक दिन बर्बाद हो जाएगा दुसरा यह की इसमे रहने वाला मर जाएगा।

💎"बादशाह ने पुछा तो कोइ ऐसा महल भी है जो कभी बर्बाद न हो और जिसका मालिक कभी न मरे फरमाया हां वह जन्नत है फिर उस मर्द हक ने जन्नत की तरगीब और जहन्नम की हौलनाकीयां पर ऐसा वअज फरमाया की बादशाह रोने लगा। हुकूमत से किनारा करके अल्लाह अल्लाह करने लगा,

*(📚रौजुर्रियाहीन सफा-108,)*

*📜सबक::-* यह दुनिया नापाएदार है आखिरत की नेमते अबदी और लाजवाल हमेशा रहने वाली कभी न खत्म होनी है इंसान को इस दुनियां मे दिल नही लगाना चाहिए

✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,18*

*💎इमाम हसन की सखावत*

✨एक रोज एक शख्स हजरत इमाम हुसैन रजी अल्लाहु अन्हु की खिदमत मे हाजीर हुआ अर्ज की मै कसरते अयाल के बाइस बेहद तंगी और अफलास मे हुं। यहां तक की आज रात के खाने के लिए भी कुछ नही

🔮हजरत इमाम अली मकाम ने उसे अपने पास ठहराया। इतने मे पांच तोले दिनारो के हजरत अमीर मुआविया रजी अल्लाहु अन्हु ने हजरत इमाम अली मकाम की खिदमत मे भेजे आप ने वह पांच तोले उस फाकीर की इनायत फरमा दिए उज्र भी फरमाया की तुझे जो थोड़ी बहुत इंतेजार करनी पड़ी उसकी माफी चाहता हुं

*(📚 कशफुल महजुब सफ-9)*

*📜सबक::-* खुदा तआला ने अपने नेक बंदो के मुतअल्लिक फरमाया है वह अपना माल दुसरो को दे देते है अगरचे वह खुद हाजतमंद हो हजरत इमाम हुसैन रजी अल्लाहु अन्हु इस आयते करिमा के सही मिस्दाक थे अल्लाह के नेक बंदे ऐसे ही करते है साइल का सवाल पुरा करते है उसकी उम्मीद से भी ज्यादा उसे देते है यह भी मालुम हुआ की मकबुलने खुदा की दरवाजे से हाजतमंद कभी खाली नहक लुटते।

✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,19*

*💰चोरी हो जाने पे अल्लाह का शुक्र*


💫हजरत अहमद हर्ब रहमतुल्लाह अलैह के पड़ोस मे एक शख्स के हां चोरी हो गयी। आप अपने दोस्तो के साथ उसकी गमख्वारी को तशरिफ ले गये। पड़ोसी ने बड़ी खंदा पेशानी से उनका इस्तिकबाल किया। हजरत अमहद ने बताया की हम तुम्हारी यहां चोरी हो जाने का अफसोस करने आए है

⚜पड़ोसी बोला मै तो अल्लाह का शुक्र अदा कर रहा हुं। मुझपर उसके तीन शुक्र वाजीब हो गये। एक यह की दुसरो ने मेरा माल चुराया है मैनें नही दुसरा यह की अभी आधा माल मेरे पास मौजुद है। तिसरा यह की मेरा दुनिया को जरुर पहुंचा है।

*(📚मखजने अखलाक सफा-238)*

*📜सबक::-* अल्लाह के बंदे इब्तला का शुक्र ही अदा करते है। कभी उसका शिकवा नही करते यह भी मालुम हुआ की सबसे बड़ी दौलत दिन है यह सलामत है तो कुछ गम न होना चाहिए,

✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,20*

*🏺शराब और इल्मी लहज़ा🌹*

एक बादशाह के मजलिस मे एक गरिब मगर अक्लमंद शख्स हाजीर हुआ तो उसे सबसे आखीर मे जगह मिली। थोड़ी देर वह शख्स इल्मी गुफ्तगु मे बोला तो उसकी काबलियत देखकर बादशाह बड़ा खुश हुआ।

🌸उसे अपने करिब बुलाकर अपने पास बैठा लिया। थोड़ी देर बाद मजलिस मे शराब लाई गयी उस शख्स के सामने भी रखी गयी उसने बादशाह से अर्ज की मुझे इससे माफ रखा जाए ताकी जिस अक्ल के तुफैल मुझे सुल्तान के कुर्ब हासील हुआ वह झीन न जाए।

🏺शराब पी लु तो मुझसे बेअदबी हो सकती है। अगर एसा ना हुआ तो मै जलील व ख्वार हो जाऊंगा बादशह उसकी इस बात से बड़ा खुश हुआ और उसे इनाम व इकराम से नवाजा।

*(📚तालीमुल अखलाक सफा-165)*

*📜सबक::- शराब पिने से आदमी जलील व ख्वार हो जाता है इससे बचना चाहिए।*

✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,21*

*💸फुजुल खर्ची से हाथ मे कटोरा*

💎एक फुजुल खर्ची अमीर से एक भिखारी ने सवाल किया खुदा के नाम पर एक दिनार मुझे अता किजीए अमीर आदमी ने हैरत की साथ साइल से पुछ कि तुम ने इतना ज्यादा मुझसे क्यों मांगा जबकी दुसरो से तुम बहुत कम तलब करते हो।

⚜भिखारी ने जवाब दिया 'दुसरे लोगो से मुझे उम्मीद है की फिर दोबारा भी उनसे कुछ न कुछ मिलेगा लेकिन आप जिस तर्ज से खर्च कर रहे है उसके पेशे नजर आइंदा आपसे भिख मिलने की उम्मीद नही कियोंकी आप खुद मुफलिस हो चुके होंगे। इसलिए इसी वक्त जितना मिल जाए गनीमत है।

💸फुजुल खर्च यह बात सुनकर बड़ा मुतअस्सीर हुआ फिर एहतियात से खर्च करने लगा।

  *(📚रिवायत सफा-353)*

*📜सबक::- इंसान को बड़ी एहतियात से खर्च करना चाहिए फुजुल खर्ची से बचना चाहिए वरना फुजुल खर्ची के हाथो मुफलिस और भिखारी बनना पड़ता है।*

✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,22*

*⚜लुत्फ व नर्मी से दुनिया जीती जा सख्ती है*

*💎एक बादशाह बड़ा नर्म और लुत्फ खु था एक दिन शाही बावरची को एक खास खाना तैयार करने का हुक्म दिया*

💫चुनांचे: जब वह पकाकर दुसरे खानो के साथ लाये। बादशाह के आगे दस्तरख्वान पर रखा तो बादशाह ने पहले अपने फरमाइस खाने पर नजर डाली तो उसमें मक्खी नजर आई उसे निकालकर दुर किया दुसरे लुकमे मे भी एक मक्खी देखी। तो उस खाने से हाथ खिचकर दुसरा खाना नोशे जान किया।

जब खाना खा चुके तो बावरची को बुलाया कहा की तुमने जो खाना बकाया था बहुत लजीज था कल भी वही तैयार करना। मगर शर्त यह है की उसमे मक्खीयां न डालना हाजीरिन इस कलाम पर बड़े मुतअज्जब हुए को बादशाह ने कैसे नर्म व लुत्फ तरिके से बावरची को शर्मीन्दा किया और अदब सिखाया

*(📚तालीमुल अखलाक सफा-487)*

*📜सबक::-लुत्फ व नर्मी से अगर काम लिया जाए तो वह तलवार व नेज से भी ज्यादा काट करती है मगर जो मौका सख्ती का हो वहां सख्ती ही काम कर देती है मसलन गद्दारो और सरकशो का सामना हो तो फिर लोहा लोहे से काटा जाता है के मुताबिक सख्ती ही से काम लेना पड़ता है।*

✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,23*

*🍷इमाम हसन किमती शरबत🍷*

हजरत इमाम हसन (रजी अल्लाहु अन्हु) के यहां एक मेहमान आया उसने खाने के बाद शर्बत तलब किया। हजरत इमाम हसन रजी अल्लाहु अन्हु ने दर्याफ्त फरमाया की आपको कौन-शर्बत दरकार है

मेहमान ने जवाब दिया वह शर्बत जो न मिलने के वक्त जान से ज्यदा किमती और मिल जाने के वक्त निहायत कम किमत होता है।

✨इमाम सहाब ने नौकरो से फरमाया की मेहमान मेहमान पानी मांगता है। हाजरीन को आपकी जहानत पर निहायत हैरानी हुई।

*(📚मुगनियुल वाइजीन सफा-218)*

*📜सबक::- पानी खुदा तआला की एक बड़ी गिरांकद्र और किमती नेमत है शैख सादी अलैहिर्रहमा फरमाते है कि मुर्गी को देखीए की एक घंट पानी पिकर फौरन अपना मुंह उपर आसमान की तरफ उठाकर गोया अल्लाह का शुक्र अदा कर लेती है मगर अफसोस की गाफील इंसान बिसीयो मन पानी पिकर भी अल्लाह का शुक्र अदा नही करता*

✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,24*

*अशर्फिया की थैली मुसीबत*

👥दो शख्स इकट्ठे सफर कर रहे थे। चलते हुए रास्ते मे उनमे एक ने एक अशर्फियो की थैली रास्ते मे पड़ी हुई पायी वह थैली उठाकर अपने साथी से कहने लगा की देखो भाई मैने यह थैली
पाई है दुसरा बोला यह तुमने क्या कहा की मैने पाई है युं कहो की हमने पाई है ईस वास्ते की हम दोनो साथ है यह हम दोनो का हक है।
 
पहले ने कहा मै यह बात क्यु कहुं जबकी थैली मिली मुझको है गर्ज थैली पे लड़ते झगड़ते चले जा रहे थे इतने मे पिछे से कुछ लोगो की आहट महसुस हुई कान लगाकर सुना तो वह लोग यह कहते हुए चले आ रहे थे की थैली के चोर वह दोनो आगे जाते है।

यह सुनकर वह थैली पाने वाला अपने साथी से कहने लगा क्यों भाई अब हम क्या करे अब तो हम मारे गये वह बोला यह तुमने क्या कहा की हम मारे गये युं कहो मै मारा गया जब तुमने थैली पाने मे मुझे शरिक नही किया तो अब आफत मे भी तुम्हारा शरिक नही हुं।

*(📚मखजने अखलाक सफा-431)*

*📜सबक::- जो लोग फायदे मे किसी को शरिक नही करते मुसीबत मे उनका कोई शरिक नही होता*

✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,25*

*🏺घी का मशकिजा मोजिज़ा ए रसूल*

एक सहाबीया उम्मे मलीक रजी अल्लाहु अन्हा एक मशकिजे मे घी डालकर हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम की खिदमत मे पेश किया करती थी।लएक रोज हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने खुश होकर जो निगाहे करम फरमायी तो मशकिजा घी का चश्मा बन गया

उम्मे मलीक को जब घी की जरुरत होती उसी मशकीजे से निकाल लेती एक रोज उम्मे मलीक ने उस मशकिजे को निचोड़ लिया तो ऐसा करने से मशकिजा खुश्क हो गया उम्मे मलिक ने यह वकीआ हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम से अर्ज किया तो हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने फरमाया की अगर तु न निचोड़ती तो घी हमेशा रहता।

*(📚मुस्लिम शरिफ सफा-537)*

*📜सबक::- हमारे हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम की चश्मे रहमत जिस पर पड़ जाए वह चिज चश्मे रहमत बन जाती है एक नजर ऐसी भी होती है की साफ सुथरे दुध पर पड़ जाए तो दुध फट जाये। फिर ऐसा शख्स उनसे बराबरी का दम भरे तो अहले नजर के नजदिक वह बड़ा ही जाहील और अंधा है।*


✨💎✨💎✨💎✨
*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,26*

*✨बेनजीर ज्याफत दावत🍱*

🌸एक मर्तबा हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु ने हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम की ज्याफत की और अर्ज किया या रसुलल्लाह मेरे गरिबखाने पर अपने दोस्तो समेत तशरिफ लाये और जो हाजिर हो उसे तनाऊल फरमाये।

💫हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने यह दावत कुबुल फरमा ली वक्त पर मअ सहाबाए किराम की हजरत उसमान के घर तशरिफ ले चले। हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु हुजुर के पिछे पिछे चलने लगे हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम का एक एक कदमे मुबारक जो उनके घर की तरफ चलते पड़ रहा था गिनने लगे हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने पुछा ऐ उसमान मेरे कदम क्यो गीन रहे हो

💎हजरत उसमान ने अर्ज किया या रसुलल्लाह मेरे मां बाप आप पर कुर्बान हो मै चाहता हुं की हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम के एक एक कदम के बदले मे आपकी ताजीम व तौकीर के खातीर एक एक गुलाम आजाद करूं हजरत उसमान के घर तक हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम के जिस कद्र कदम पड़े उसी कद्र गुलाम हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु ने आजाद किये

*(📚जामिउल मोजिजात, सफा-65)*

 *📜सबक::- हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु बड़े गनी और बड़े ही सखी और हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम के सच्चे मुहीब और तालीब थे*


✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,27*

*👳🏻‍♀एक लड़के की दानाई*

🌟मअन बिन जाइदा एक अमीर शख्स और मेहमान नवाजी मे बड़ा मशहुर था। उसके पास उसके दुश्मन कौम के कई हजार अफराद असीर करके लाए गये उसने हुक्म दिया की सबको कत्ल कर दो उस कौम मे से एक लड़का खड़ा हुआ और कहा

💎ऐ अमीर मै प्यासा हुं मुझे कत्ल तो हो ही जाना है मगर मुझे पानी पिला दो। मअन ने हुक्म दिया की इसे पानी पिला दी जाये। उसने प्याला हाथ मे लिया और कहा ऐ अमीर! मेरे लिए डुब मरने का मकाम है मुरव्वत का मकाम नही की मै तो पानी पि लुं और मेरा कौम प्यासी मरे आपकी दरियादिली से उम्मीद है की इनको भी पानी पिलाने का हुक्म दिजीए।

*📃चुनांचे:-* सब को पानी पिला दिया गया अब लड़का फिर बोला ऐ अमीर अब तो हम सब तेरे मेहमान हो गये है मेहमानो को मारना करिमो के शान नही बल्कि उनकी इज्जत करने का हुक्म है मअन लड़के की फसाहत व दानाई पर मुतअज्जिब हुआह और सब कैदियो को रिहा कर दिया।

*(📚तालीमुल अखलाक सफा-508)*

*📜सबक::- अक्ल व फसाहत और मौका व महल के मुताबिक गुफ्तगु करने से बड़े बड़े फवायद हासील होते है। खूदा तरस अफराद हमेशा लुत्फ व करम से काम लेता है*
✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,28*

*🎇पुल सिरात बूढ़ी और का खुआब🌉*

🔮हजरत उमर बिन अब्दुल अजीज रजी अल्लाहु अन्हु की एक बांदी ने एक रोज सुबह अर्ज की अमीरुल मोमीनीन आज रात मैने एक ख्वाब देखा आप ने फरमाया ब्यान कर वह बोली मैने देखा दोजख भड़काई गयी है पुलसिरात उस पर रखा गया है बाज खुल्फा को फरिश्ते लाए है उसे हुक्म दिया गया पुल सिरात पर चल वह थोड़ा सा चला की दोजख मे गीर गया।

🌸हजरत उमर बिन अब्दुल अजीज बोले फिर क्या हुआ जल्दी ब्यान करो वह बोली फिर मरवान के बेटे वलीद को लाया गया वह भी इसी तरह दोजख मे गीर गया आप बेचैनी से बोले जल्दी से बोलो फिर क्या हुआ वह बोली की फिर इब्ने अब्दुल मलीक को लाए वह भी इसी तरह दोजख मे गीर गया आपने कहा फिर क्या देखा वह बोली फिर आपको लाया गया।

⚜बांदी ने इतना ही कहा था की हजरत उमर बिन अब्दुल अजीज ने एक नारा मारा और बेहोश होकर गीर पड़े। इस डर से की कहीं मुझे भी इसी तरह दोजख मे गिरती हुए न देखा गया हो। बांदी ने चिख कर कहा अमीरुल मोमीनीन खुदा की कसम मैने देखा की आप सलामत गुजर गये बांदी चिख चिला रही थी मगर हजरत उमर बिन अब्दुल अजीज बेचैनी से लौटते और हाथ पैर मारते थे काफी देर के बाद आपको होश आया।

*(📚किमीया ए सआदत सफ-46)*

*📜सबक:: अल्लाह के मकबुल बंदो के दिल मे आकीबत का खौफ रहता है वह कभी ऐसा काम नही करते जिसका अंजाम दोजख मे गिरना हो एक वह पाक लोग भी थे की हर वक्त आकीबत की फिक्र रहती थी*

✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,29*

  *⚔जंगे बदर मे अद्ल व इंसाफ🌹*

जंगे बदर मे हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) अपने हाथ मुबारक मे एक तीर पकड़कर मुजाहिदिन की सफे दुरुस्त फरमा रहे थे हजरत सवाद रजी अल्लाहु अन्हु सफ से बाहर निकले हुए थे।

💫हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने उस तीर से हजरत सवाद की पीठ से छुकर फरमाया ऐ सवाद सफ के बराबर हो जाओ। हजरत सवाद रजी अल्लाहु अन्हु ने अर्ज किया या रसुलल्लाह आपके तीर के मेरे बदन के साथ छु जाने से मुझे ठोकर सी लगी है मै इसका बदला लेना चहता हुं।

💫हुजुर आप अदल व इंसाफ के चश्मे और खजाने है मूझे इसका बदला लेने दिजीए। हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने वही तीर हजरत सवाद को दिया और कहा लो तुम भी इस तीर से मेरे बदन पर ठोकर लगा दो हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम बदला देने को अपनी कमीज पुश्त अनवर पिठ मुबारक से उठाई तो हजरत सवाद ने हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम।के बदन अनवर से चिमटकर मोहरे नूबुव्वत को चूम लिया और अर्ज किया मेरे आका मैनें तो इस बहने से अपना बदन आपके बदन अनवर से लगाया है ताकी बदने अनवर की बरकतो से माला माल हो जाऊं।

*(📚नुजहतुल मजालिस जिल्द-23, सफा-93)*

*📜सबक::- हमारे हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम अद्ल व इंसाफ और रहम व करम के पैगम्बर है आपने हमे दर्स दिया है की हम भी ईंसाफ को अपनाये.यह भी मालुम हुआ की सहाबाए किराम रजी अल्लाहु अन्हु का यह इमान था की हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम चे बदन अनवर के छु जाने से ईसान का बेड़ा पार हो जाता है*

✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,30*

*💎"जन्नत का चश्मा"💎*

⚜जब मुहाजिरीन मक्का मोअज्जमा से हिजरत करके मदीनाए मुनव्वरा मे आये तो यहां का पानी पसंद न आया जो खारी था मदीना मुनव्वरा मे एक शख्स की मिल्क मे चश्मा था जिसका नाम रौम था वह शख्स अपने चश्मे का पानी कीमत न देता था।

💎हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने उससे फरमाया कि तुम यह चश्मा मेरे हाथ जन्नत के चश्मे के बदले बेच दो और जन्नत का चश्मा मुझसे ले लो उसने अर्ज किया या रसुलल्लाह सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम मेरे और मेरे बाल बच्चो की रोजी इसी से है मुझमे ताकत नही।

यह खबर हजरत उसमान गनी रजी अल्लाहु अन्हु को पहुंची तो आपने 35 हजार दिरहम नगद देकर उस शख्स खरिद लिया फिर हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम की खिदमत मे हाजीर होकर अर्ज किया या रसुलल्लाह जिस तरह आप उस शख्स को जन्नत का चश्मा अता फरमा रहे थे अगर यह चश्मा उससे खरीद लुं तो क्या हुजुर वह जन्नत का चश्मा मुझे देंगे आपने फरमाया हां दे दुंगा अर्ज़ की तो मैने वह चश्मा खरिद लिया है और मुस्लमानो पर मै उसे वक्फ करता हुं

*(📚तबरानी शरीफ अल-अम्न-वल-उला, सफा-166)*


✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,31*

*👤एक हाशमी औरत और सब्र*

💫मदीना मुनव्वरा मे एक हाशमी औरत रहती थी। उसे बाज लोग इजा दिया करते थे। एक दिन वह हुजुर के रौजए अनवर पर हाजीर हुइ अर्ज करने लगी या रसुलल्लाह यह लोग
मुझे इजा देते है।

🕌 रौजए अनवर से अवाज आई क्या मेरा उस्व-ए-हस्ना तुम्हारे सामने नही। दुश्मनो ने मुझे इजाए दी और मैनें सब्र किया मेरी तरह तुम भी सब्र करो। वह औरत फरमाती है की मुझे बड़ी तस्किन हुइ और चंद दिन के बाद मुझे इजा देने वाले भी मर गये

*(📚शवाहिदुल हक सफा-165)*

 *📜सबक::- हमारे हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम सबकी सुनते है और हर मजलुम के लिये आप ही का दर जाए पनाह है।*


✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,32*


*🌸हजरते  बिलाल रजी अल्लाहु अन्हु  का ख्वाब*

🌼हजरत उमर रजी अल्लाहु अन्हु के अहदे खिलाफत मे एक मर्तबा कहत पड़ गया तो हजरत बिलाल बिन हारिस मजनी रजी अल्लाहु अन्हु रौजए अनवर पर हाजीर हुए और अर्ज किया या रसुलल्लाह आपकी उम्मत हलाक हो रही है बारिश नही होती हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम उन्हे ख्वाब मे मिले और फरमाया : 

📄'ऐ बिलाल उमर के पास जाओ  उसे मेरा सलाम कहो और कह दो की बारिश हो जाएगी। हजरत  उमर रजी अल्लाहु अन्हु  से यह भी कहना की कुछ नर्मी इख्तियार करे (यह हुजुर ने इस लिए फरमाया की हजरत उमर फारुख रजी अल्लाहु अन्हु दिन के मामले बड़े सख्त थे हजरत बिलाल उमर रजी अल्लाहु अन्हु की खिदमत मे हाजीर हुए और हुजुर का सलाम व पैगाम पहुंचा दिया हजरत उमर रजी अल्लाहु अन्हु  यह सलाम व पैगामे महबुब पाकर रोए और फिर बारिश भी खुब हुइ

*(📚शवाहिदुल हक लिल नब्हानी सफा-67)*


*📜सबक:: मालुम हुआ की विसाल शरिफ के बाद भी सहाबाए किराम मुश्किल के वक्त हुजुर ही की खिदमत मे हाजीर होते थे हर मुश्किल यही से हल होती थी यह भी मालुम हुआ की हजरत उमर फारुख रजी अल्लाहु अन्हु की बड़ी शान है आप खलीफए बरहक है इस कद्र खुशकिस्मत है की विसाल शरिफ के बाद भी हुजुर के सलाम व पैगाम से मुशर्रफ होते है फिर जिसे फारुखे आजम से अदावत होगी वह हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम को क्यों न बुरा लगेगा*

✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,33*

*🌸हजरते  उसमान गनी रजी अल्लाहु तआला अन्हु  सखावत के धनी*

⚔जंगे तबुक के मौके पर हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम मुस्लमानो को अल्लाह की राह मे खर्च करने की तरगीब दे रहे थे की हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु उठे और अर्ज किया या रसुलल्लाह सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम साज व समान समेत एक सौ ऊंट देता हुं।

हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने फिर तरगीब दी तो हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु  ने अर्ज किया या रसुलल्लाह साज व समान के साथ दो सौ ऊंट देता हुं।हुजुर ने फिर फरमाया तरगीब दी तो हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु  ने फिर अर्ज किया हुजुर साज व समान के साथ तीन सौ ऊंट मै देता हुं फिर उन तीन सौ ऊंटो के अलावा हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु ने एक हजार दिनार भी हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम के सामने पेश कर दिये

✨हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु यह सखावत देखी तो हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु के पेश किये गये दिनारो मे अपना हाथ मुबारक डालकर फरमाया उसमान रजी अल्लाहु अन्हु के इस नेक अमल के बाद अब उसे कोइ बात नुक्सान न देगी।

*(📚मिश्कात शरिफ, सफा-553,)*

*📜सबक:- हजरत उसमान (रजी अल्लाहु अन्हु) बहुत बड़े गनी थे फिर सखावत के धनी भी थे। खुदा और रसुल के इरशाद पर अपना सब कुछ लुटा देने वाले थे।*
✨💎✨💎✨💎✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,34*

*⛈आसमान का रोना*

🕌मदीना मुनव्वरा मे एक बार सुखा पड़ गया। बारिश होती ही न थी। लोग उम्मुल मोमीनीन हजरत आइशा (रजी अल्लाहु अन्हा) की खिदमत मे फरयाद लेकर हाजीर हुए हजरत उम्मुल मोमीनीन रजी अल्लाहु अन्हा) ने फरमाया हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम की कब्र अनवर पर से छत मे एक सुराख कर दो ताकी आसमान और कब्र मे कोइ हिजाब न रहे चुनान्चे लोगो ने ऐसा ही किया तो इस कद्र बारिश हुइ की खेतीयां हरी भरी हो गयी और जनवर मोटे हो गये। मुहद्दिसीन लिखते है की आसमान ने जब कब्र अनवर देखा तो रो पड़ा था..

   *(📚मिश्कात शरिफ सफा-527)*

*📜सबक::- हमारे हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम का फैज पाक विसाल शरिफ के बाद भी बदस्तुर जारी है हुजुर की कब्रे अनवर की ज्यारत से हर आंख आंसुओ का फुल बरसाने लगती है। यह भी मालुम हुआ की अल्लाह से कुछ पाने के लिए हुजुर का वसीला भी जरुरी है*
✨〰✨〰✨〰✨
*आधी रोटी खाएँ बच्चों को इल्मे दीन सिखाएं हमसे जुड़ने के लिए राब्ता करें नम्बर↙*
*📲9711933871*

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,35*

*📢कब्र अनवर से अजान की अवाज*

जिस दिन लशकरे यजीद ने मदीना मुनव्वरा पर चढ़ाइ की उन दिनो तीन दिन मस्जिदे नब्वी मे अजान न हो सकी हजरत सईद बिन मुसय्यब रजी अल्लाहु अन्हु ने यह तीन दिन मस्जिदे नब्वी मे रहकर गुजारे आप फरमाते है की नमाज का वक्त हो जाने का मुझे कुछ पता न चलता था। मगर इस तरह की जब नमाज का वक्त आता कब्र अनवर से हल्कि सी अजान की अवाज आने लगती..

*(📚मिश्कात शरिफ, सफा-537)*
                                  
*📜सबक::- हमारे हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम कब्र अनवर मे भी जिन्दा है जो शख्स हुजुर को मर कर मिट्टी मे मिल जाने वाला लिखता है वह बड़ा बे-अदब और गुस्ताखे रसुल है*

✨〰✨〰✨〰✨
*आधी रोटी खाएँ बच्चों को इल्मे दीन सिखाएं हमसे जुड़ने के लिए राब्ता करें नम्बर↙*
*📲9711933871*

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,36*

*🌸कब्र अनवर से अवाज✨*

हजरत अली रजी अल्लाहु अन्हु फरमाते है जब हम हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम के दफने मुबारक से फारिग हुए तो तीन रोज के बाद एक आराबी कब्रे अनवर पर हाजीर हुआ और कब्र अनवर के सामने गिरकर कब्र अनवर की खाक अपने सर पर डालने लगा और फिर कहने लगा या रसुलल्लाह जो कुछ आपने फरमाया हमने सुना और आपकी जबानी हम कुरआन की यह आयत भी सुनी

*📃तर्जमा::-* जो लोग अपनी जानो पर जुल्म कर बैठे वह आपके पास हाजीर हो जाए।

बस ऐ अल्लाह के रसुल मै अपनी जान पर जुल्म कर बैठा हुं और अब गुनाहो के माफी मांगने के लिए आपके पास आ पहुंचा हुं आराबी ने यह कहा तो कब्र अनवर से अवाज आइ 'जाओ' अल्लाह ने तुम्हे बख्श दिया।

*(📚हुज्जतुलाह अलल आलमीन सफा-777)*
                       
*सबक::- हमारे हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम का दरबारे रहमत विसाल शरिफ के बाद भी बदस्तुर लगा हुआ है हुजुर अपने विसाल शरिफ के बाद भी गुनाहगारो के लिए जरिए नजात और मम्बए फुय्युज व बर्कात है आज भी हम हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम के बदस्तुर मोहताज है*
✨〰✨〰✨〰✨
*आधी रोटी खाएँ बच्चों को इल्मे दीन सिखाएं हमसे जुड़ने के लिए राब्ता करें नम्बर↙*
*📲9711933871*

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,37*

*🌸हया-ए-उसमान रजी अल्लाहु अन्हु✨*

एक दफा हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम अपने दौलतकदा मे लेटे हुए थे आपकी राने मुबारक या पिन्डली मुबारक से कपड़ा हटा हुआ था इतने मे हजरत सिद्दिके अकबर तशरिफ ले आये अंदर आने की इजाजत मांगी

हुजुर ने इजाजत दे दी आप अंदर आये और हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम उसी तरह बदस्तुर लेटे रहे राने मुबारक या पिन्डली से कपड़ा बदस्तुर हटा रहा आप गुफ्तागु फरमाते रहे फिर हजरत उमर रजी अल्लाहु अन्हु भी आ गये और अंदर आने की इजाजत मांगी हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने उन्हे भी इजाजत दे दी वह अंदर आ गये हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम फिर भी बदस्तुर लेटे रहे फिर हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु भी आ गये आपने अंदर आने की इजाजत मांगी तो हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम फौरन उठ बैठे और अपना कपड़ा बराबर फरमाते हुए रान या पिन्डली मुबारक को ढ़ाप लिया। फिर हजरत उसमान को अंदर आने की इजाजत दी

हजरत आयशा सिद्दिका रजी अल्लाहु अन्हा फरमाती है की जब वह लोग चले गये तो मैने हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम से पुछा या रसुलल्लाह! यह क्या बात है की जब सिद्दिके अकबर आये तो आप बदस्तुर लेटे रहे फिर फारुके आजम आये तो बदस्तुरे लेटे रहे मगर जब उसमान आये तो आप फौरन उठ बैठे और कपड़ा बराबर फरमा लिया हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने फरमाया ऐ आयशा मै उस शख्स से शर्म क्यों न करुं जिससे फरिश्ते भी हया करते है

*(📚मिश्कात शरिफ, सफा-553,)*

*📜सबक::- हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु की यह शान की फरिश्ते और खुदा का रसुल भी उनसे हया फरमाते है फिर जो शख्स हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु की जाते वाला बेअदबी और गुस्ताखी करे किस कद्र बेहया है*

✨〰✨〰✨〰✨
*आधी रोटी खाएँ बच्चों को इल्मे दीन सिखाएं हमसे जुड़ने के लिए राब्ता करें नम्बर↙*
*📲9711933871*

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,38*

*🌸हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम का गुस्ल मुबारक✨*

📿हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम के गुस्ल मुबारक के वक्त सहाबाए किराम अलैहिमुर्रिजवान सोचने लगे और आपस मे कहने लगे जिस तरह दुसरे लोगो के कपड़े उतारकर उनको गुस्ल दिया जाता है उसी तरह हुजुर के कपड़े मुबारक उतारकर हुजुर को गुस्ल दिया जाए या हुजुर को कपड़ो समेत गुस्ल दिया जाए। इस बात पर गुफ्तगु कर रहे थे की अचानक सब पर नींद तारी हो गयी और सबके सर उनके सीनो पर लुढ़क आये फिर सब को एक अवाज आई कहने वाला कह रहा था
'तुम जानते नही यह कौन है  खबरदार यह रसुलुल्लाह है इनको कपड़े न उतारना। इन्हे कपड़ो समेत ही गुस्ल दो। फिर सबकी आंखे खुल गयी। हुजुर को कपड़ो समेत ही गुस्ल दिया

*(📚मुवाहीब लदुन्निया जिल्द-2, सफा-378, मिश्कात शरिफ सफा-537,)*


*📜सबक-:: हमारे हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम की शान सबसे मुमताज और बुरगजीदा है। कोइ शख्स ऐसा नही जो उनके मिस्ल हो आपकी यह जिन्दगी आपका विसाल शरिफ आपका गुस्ल शरिफ और आपका कब्रे अनवर मे रौनक अफरोज होना हर बात आपकी मुमताज है कोइ शख्स किसी बात मे आपका मिस्ल नही।*

✨〰✨〰✨〰✨
*आधी रोटी खाएँ बच्चों को इल्मे दीन सिखाएं हमसे जुड़ने के लिए राब्ता करें नम्बर↙*
*📲9711933871*

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,39*

*🌸खुश अकीदा याफुर✨*


फत्हे खैबर के बाद हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम वापस आ रहे थे की रास्ते मे आपकी खिदमत मे एक गधा हाजीर हुआ और अर्ज करने लगा हुजुर मेरी भी अर्ज सुनते जाइये। हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम उस मिस्किन जानवर की अर्ज सुनने को ठहर गये और फरमाया बताओ क्या कहना चाहते हो वह बोला हुजुर मेरे नाम यजीद बिन शहाब है और मेरे दादा के नस्ल से खुदा ने साठ खर पैदा किये है।उन सब पर अल्लाह के नबी सवार होते रहे है

💫हुजुर मेरी दिल की यह तमन्ना है की मुझ मिस्किन पर हुजुर सवारी फरमाये या रसुलल्लाह मै इस बात का मुस्तहिक हुं वह इस तरह की मेरे दादा की औलाद मे सेवाए मेरे कोइ बाकी नही रहा अल्लाह का रसुलो मे से सिवा आपके कोई बाकी नही रहा हुजुर ने उसकी यह ख्वाहीश सुनकर फरमाया: अच्छा हम तुम्हे अपनी सवारी के लिए मंजुर फरमाते है। और तुम्हारा नाम बदलकर याफुर रखते है

*(📚हुज्जतुल्लाहु अलल आलमीन सफा-460)*

*📜सबक::- हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम की खत्मे नुबुव्वत का इकरार एक गधा भी कर रहा है फिर जो खत्मे नुबुव्वत का इंकार करे वह क्यों ना गधा से भी बदतर है*

✨〰✨〰✨〰✨
*आधी रोटी खाएँ बच्चों को इल्मे दीन सिखाएं हमसे जुड़ने के लिए राब्ता करें नम्बर↙*
*📲9711933871*

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,40*


*🦌भेड़ीये की गवाही✨*

🕌मदीना मुनव्वरा के किसी मकाम पर एक चरवाहा अपनी बकरियां चरा रहा था।अचानक एक भेड़ीया आया और बकरीयां के रेवाड़ मे घुसकर एक बकरी का शिकार ले भागा। चारवाहे ने देखा तो भेड़ीये का पिछा किया और उससे बकरी छुड़ा ली। भेड़ीये ने जब देखा की मेरा शिकार मुझ से छिन गया है तो एक टिले पर चढ़कर ब-जबाने फसीह कहने लगा मियां चारवाहे अल्लाह ने मुझे रिज्क दिया था मगर अफसोस की तुमने मुझसे छीन लिया। चारवाहे ने जब एक भेड़ीये को कलाम करते हुवे देखा तो हैरान होकर बोला

तअज्जुब है की एक भेड़ीया कलाम करता है भेड़ीये ने फिर कलाम किया और कहा:- "इससे भी ज्यदा ताज्जुब वाली बात तो यह है की मदीना शरिफ मे एक ऐसा वुजुद मौजुद है जो तुम्हे जो कुछ हो चूका है और कुछ आइंदा होने वाला है उन सब अगली पिछली बातो को खबर देता है मगर तुम उसपर इमान नही लाते चारवाहे जो यहुदी था भेड़ीये की इस गवाह को सुनकर बड़ा मुतअस्सीर हुआ और बारगाहे रिसालत मे हाजीर होकर मुस्लमान हो गया।

*(📚मिश्कात शरिफ सफा-533)*

*📜सबक::- एक जानवर भी जानता और मानता है की हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम हर गुजरी हुइ और होने वाली बात को जानते हैं,*

✨〰✨〰✨〰✨
*आधी रोटी खाएँ बच्चों को इल्मे दीन सिखाएं हमसे जुड़ने के लिए राब्ता करें नम्बर↙*
*📲9711933871*

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,41*

*🏔पत्थर की ऊँटनी🐫*

कौमे आद की मौत के बाद कौमे समुद पैदा हुई यह लोग हिजाज़ व शाम के दरमियानी इलाके में आबाद थे ईनकी उम्र बहुत बड़ी होती थी पत्थर के मज़बूद मकान बनाते व टूट फुट जाते मगर मकीन बदस्तूर बाकी रहते जब इस कौम ने भी अल्लाह की नाफरमानी शुरू की तो अल्लाह ने उनकी हिदायत के लिये हज़रत सालेह अलैहिस्सलाम को मबऊस फ़रमाया कौम ने इनकार करना शुरू किया बाज़ गरीब लोग आप पर ईमान लाये उन लोगों का साल के बाद एक ऐसा दिन आता था जिसमें वह मेले के तौर पर एक ईद मनाया करते थे उसमें दूर-दूर से आकर लोग शरीक होते यह मेले का दिन आया तो लोगों ने हजरत सालेह अलैहिस्सलाम को भी इसी मेले में बुलाया। हज़रत सालेह अलैहिस्सलाम इस बहुत बड़े मजमे में तबलीगे हक की खातिर तशरीफ ले गये कौमे समूद के बड़े-बड़े लोगों ने वहां हज़रत सालेह अलैहिस्सलाम से यह कहा कि अगर आपका खुदा सच्चा है और आप उसके रसूल हैं तो हमें कोई मोजिज़ा दिखायें आपने फ़रमाया बोलो, क्या देखना चाहते हो उनका सबसे बड़ा सरदार बोला वह सामने जो पहाड़ी नज़र आ रही है, अपने रब से कहिये कि इसमें से वह एक बड़ी ऊंटनी निकाल दे जो दस महीने की हामिला हो हज़रत सालेह अलैहिस्सलाम ने उस पहाड़ी के करीब आकर दो रकअत नमाज़ अदा की दुआ की तो वह पहाड़ी लरजने लगी थोड़ी देर के बाद वह फटी और उसमें
से सबके सामने एक ऊंटनी निकली जो हामिला थी फिर उसी वक्त बच्चा भी जना इस वाकिये से कौम में हैरत पैदा हुई कुछ लोग मुसलमान हो गये और बहुत से अपने कुफ्र पर कायम रहे

*(📚सच्ची हिकायत सपह,100)*

*📜सबक ;: अंबिया अलैहिमस्सलाम के मोजिज़ात हक़ हैं अल्लाह तआला हर बात पर कादिर है अंबिया अलैहिमस्सलाम के मौजिजात का इंकार काफ़िर ही करते हैं।*
〰〰〰〰〰〰
*~🖋मिंजानिब* 
*🗳मरकज़-ए-अहलेसुन्नत बरेली_शरीफ़*
✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,42*

*💖हजरत उसमान जुन्नरैन रजी अल्लाहु अन्हु से हुज़ूर की मुहब्बत..*

💫हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम की चार साहबजादियां थी जैनब, रुकैय्या, उम्मेकुलसुम, और फातिमा रजी अल्लाहु अन्हन हजरत रुकैय्या की शादी हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु) से हुई हजरत रुकैय्या का इंतेकाल हो गया।
हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु इस बात का बहुत रंज पहुंचा तो हुजूर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने अपनी दुसरी साहबजादी हजरत उम्मेकुलसुम रजी अल्लाहु अन्हा का भी निकाह हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हा से कर दिया। 

💫फरमाया ऐ उसमान अगर मेरी सौ लड़कीयां भी हो और उनका एक के बाद एक इंतेकाल होता जाये तो मै एक के बाद एक तुम्हारे निकाह मे देता जाऊ।

*(📚मवाहिज जिल्द-7, सफ-196)*

*📜सबक::-यह खुसीयत सिर्फ हजरत उसमान रजी अल्लाहु अन्हु को हासील है की नबी की दो बेटीयां आपके निकाह मे आई जब से दुनियां शुरु हुई उस वक्त से लेकर क्यामत तक सिवाए हजरत उसमान के ऐसा न हुआ न होगा जिसके निकाह मे नबी की दो बेटीयां आई हो इसलिए आपका लक्ब जुन्नुरैन है।*
〰〰〰〰〰〰
*~🖋मिंजानिब* 
*🗳मरकज़-ए-अहलेसुन्नत बरेली_शरीफ़*
✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,43*

*💖सहाबा ए किराम से नअत-ख्वानी सुनकर हुज़ूर खुश हुए और दुआएं दीं*

हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम जब ग़ज़वा-ए-तबूक से वापस तशरीफ लाये और सहाबाए किराम समेत मदीना मुनव्वरा में दाखिल हुए तो मदीना वालों में खुशी की एक लहर दौड़ गयी। हुजूर के इस्तिकबाल के लिये सब आगे बढे उस वक्त हजरत अब्बास रजियल्लाहु तआला अन्हु ने आगे बढ़कर अर्ज किया या रसूलल्लाह मेरी ख्वाहिश है कि मैं हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के मुतअल्लिक कुछ नातिया अशआर अर्ज करूं या रसूलुल्लाह! मुझे नत-ख्वानी
की इजाज़त दीजिये हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया *कहो जो कहना है अल्लाह तुम्हारे मुंह को सलामत रखे* हज़रत अब्बास रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने बारगाहे नब्बी से इजाज़त पाकर शुरू में नअत-ख्वानी की हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को मुखातिब करके इन ख्यालात आलिया (बेहतरीन ख्यालात) का इजहार फ़रमाय या रसूलल्लाह आप कब्ले पैदाइश भी पाक व साफ थे और नूर थे हज़रत नूह अलैहिस्सलाम की किश्ती पर भी आप रौनक अफ़रोज़ थे हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की पुश्त में भी आपका नूर जल्वागर था जब वह आग में डाले गये थे। जब आप पैदा हुए तो आपके नूर से ज़मीन व आसमान मुनव्वर हो गये आपकी अज़मत व बुजुर्गी बड़े बड़े आली नसब वालों पर हावी है हुजूर हम आप ही के नूर और आप ही की रौशनी में हैं आप ही के नूर की बदौलत हम हिदायत में तरक्की कर रहे है हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हज़रत अब्बास रज़ियल्लाहु तआला अन्हु की इस नअत ख्वानी से बड़े खुश हुए।

*(📚सच्ची हिकायत सपह,304)*

*📜सबक:: सहाबए किराम में नअत-ख्वानी का रिवाज था वह पाक अपने हुजूर की नसरन व नजमन नअत-ख्वानी किया करते थे हुज़ूर  सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम अपने गुलामों के मुंह से अपनी नाअत ख्वानी सुनकर खुश हुआ करते थे अपने नाअत ख़्वा के लिए यह दुआ फ़रमाते थे अल्लाहः तुम्हारे मुँह को सलामत रखे मालूम हुआ कि जिस मुँह से हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की नअत ख्वानी होगी वो सलामत रहेगा यहाँ भी और वहां भी यह भी मालूम हुआ कि नअत ख्वानी बिदअत नहीं बल्कि सहाबा ए किराम का यही मामूल था*
〰〰〰〰〰〰
*~🖋मिंजानिब* 
*🗳मरकज़-ए-अहलेसुन्नत बरेली_शरीफ़*
✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,44*

     *🏡एक कफीरा का मकान✨*

💫हुजुर सरवरे आलम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) फतेह मक्का के बाद एक दिन मक्का मोअज्जमा की एक काफीरा औरत के मकान की दिवार से तकीया लगाकर किसी गुलाम से गुफ्तगु फरमा रहे थे उस मकान वाली काफीरा औरत को जब पता चला की मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम मेरे मकान के दिवार से तकीया लगाए बैठे है तो बुग्ज व अदावत से उसने अपने मकान की सब खिड़की बंद कर डाली ताकी हुजुर की आवाज न सुन पाए। उसी वक्त जिब्राइल अमीन हाजीर हुए और अर्ज किया या रसुलल्लाह सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम खुदा फरमाता है की अगरचे यह औरत काफीरा है मगर आपकी शान बड़ी अरफा व बुलंद है चुंकी उस काफीरा के मकान की दिवार के साथ आपकी पुश्ते अनवर लग गयी है इसलिए मै नही चाहता की यह मकान वाली अब जहन्नम मे जले। 

🏕उस औरत ने तो अपने मकान की खिड़कियां को बंद किया है मगर मैने उसके दिल की खिड़कि को खोल दी है। यह सिर्फ उसकी दिवार से आपके तकिया लगाकर खड़े होने की बर्कत से है। इतने मे वह औरत बेचैन होकर घर से निकली और हुजुर के कदमो पर गिर गयी और सच्चे दिल से कलिमा पुकार उठी:- अशहदु अल ला इला ह इल्लल्लाह व अशहदु अन न क रसुलुल्लाह..

*(📚नुजहतुल मजालिस जिल्द -2,सपह,78)*

*📜सबक::- जिस औरत के मकान की दिवार से हुजुर की पुश्ते अनवर लग गयी वह औरत आग से बच गई तो जिस खुश किस्मत और मुकद्दस खातुन हजरत अमीना के शिकमे अनवर मे हुजुर ने क्याम फरमाया हो वह मुकद्दस खातुन क्यों जन्नत की मालिक न होगी*
〰〰〰〰〰〰
*~🖋मिंजानिब* 
*🗳मरकज़-ए-अहलेसुन्नत बरेली_शरीफ़*
✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,45*

  *🗻रैय्यत और क्यामत*

🌟हजरत उमर फारुक रजी अल्लाहु अन्हु मे लोगो ने अर्ज किया: आप इस कद्र मेहनत क्यों करते है की न दिन को चैन न रात को आराम फरमाते है फरमाया की अगर दिन को आराम करुं तो रिआया बे आराम हो जाये और रात को चैन करुं और खुदा का जिक्र न करुं तो क्यामत मे क्या मुंह दिखाऊ

*(📚किताब मजकुरा)*

*📜सबक::- मुस्लमान हाकिम रिआया की हमदर्दी और खुदा की बंदगी मे मशगुल रहते है,*

〰〰〰〰〰〰
*~🖋मिंजानिब* 
*🗳मरकज़-ए-अहलेसुन्नत बरेली_शरीफ़*
✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,46*

    *🦌जंगल की हिरनी📿*

🏕एक जंगल मे एक हिरनी रहती थी उसके दो बच्चे थे। एक बार वह बाहर निकली तो शिकारी ने जाल बिछा रखा था बेखबर हिरनी उस जाल मे फंस गई। जब उसने देखा की मै तो फंस गई हुं। तो बड़ी परिशान हुई उसकी खुश किस्मती देखीये की उसी जंगल मे हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम तशरिफ लाते हुए नजर आये जब उसने हुजुर रहमते आलम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम को देखा तो पुकारी या रसुलल्लाह मुझ पर रहम फरमाइये.

🌸हुजुर ने उसकी पुकार सुनी और उसके पास तशरिफ लाकर फरमाये। क्या हाजत है?? वह बोली हुजुर! मै इस आराबी के जाल मे फंस गई हुं। मेरे दो छोटे-छोटे बच्चे है जो इस करीब के पहाड़ो मे है थोड़ी देर के लिए आप मेरी जमानत देकर इस जाल से मुझे अजाद करा दिजीए। ताकी मै आखरी एक मर्तबा बच्चो को दुध पिला आऊं हुजुर मै दुध पिलाकर फिर वापस यही आ जाऊंगी हुजुर ने फरमाया  

*🦌अच्छा जा मै तुम्हारी जमानत देता हुं और तुम्हारी जगह यही ठहरता हुं तु बच्चो को दुध पिलाकर जल्दी वापस आ जा।*

📄चुनांचे:- हिरनी को आपने रिहा कर दिया। और वहां खुद क्याम फरमा हो गये। आराबी जो मुस्लमान न था कहने लगा। अगर मेरा शिकार वापस न आया तो अच्छा न होगा हुजुर ने फरमाये तुम देखो तो सही की हिरनी वापस आती है या नही

📄चुनांचे:- हिरनी बच्चो के पास पहुंची और बच्चो को दुध पिलाकर फौरन वापस लौटी आते ही हुजुर के कदमो पर सर डाल दिया। यह एजाज देखकर वह आराबी भी कदमो पर गीर गया.

*(📚शिफा शरिफ जिल्द-2, सफा-76)*


*📜सबक::- हमारे हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम जानवरो तक के लिए रहमत है जानवर भी हुजुर के हुक्म की तामील करते है*
〰〰〰〰〰〰
*~🖋मिंजानिब* 
*🗳मरकज़-ए-अहलेसुन्नत बरेली_शरीफ़*
✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,47*

*🥛दुध पिते बच्चे का ऐलाने हक*

🌟हुजुर सरकारे दो आलम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम एक मर्तबा सहाबाए किराम अलैहिमुर्रिजवान मे तशरिफ फरमा थे की एक मुशरिका औरत जिसकी गोद मे दो माह के दुध पिता बच्चा था उस तरफ से गुजरी उस बच्चे ने हुजुर की तरफ नजर की तो एक दम जुबान से पुकार उठा अस्सलामु अलैक या रसुल व या अकर म खल्किल्लाह मां ने जब देखा की मेरा दो माह का बच्चा कलाम करने लगा तो वह हैरान रह गयी और बोली:- बेटा! यह कलाम करना तुझे किसने बता दिया बच्चा अब अपनी मां से मुखातीब होकर कहने लगा की ऐ मां! यह कलाम करना मुझे उसी अल्लाह ने सिखाया है जिसने सब इंसानो को यह ताकत दी है और यह देख मेरे सर पर जिब्राइल अमीन खड़े है जो मुझे यह बता रहे है की यह अल्लाह के रसुल है।

मां ने ये एजाज देखा तो झट कलिमा पढ़कर मुस्लमान हो गयी। मौलाना रुमी अलैहीर्रहमा: मसनवी शरीफ मे फरमाते है कि फिर हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने उस बच्चे को मुखतिब फरमाया और दर्याफ्त फरमाया की तुम्हारा नाम क्या है तो वह बोला यह रसुलल्लाह इस मुश्ते खाक मां के नजदिक तो मेरा नाम अब्दे इज्जा है लेकीन अल्लाह के नजदिक मेरा नाम अब्दुल अजीज है।

*(📚नुजहतुल मजालिस जिल्द-2, सपह,78}*


*📜सबक::- एक दो माह का बच्चा तो हुजुर को जान और मान ले और अपनी मां को भी जन्नत मे ले जाये मगर अफसोस इन उम्र रसीदा बदबख्तो पर जिन्होने हुजुर को न जाना न माना और अपनी जिहालत व गुस्ताखियों से खुद भी डूबे और दुसरो को भी ले डुबे*
〰〰〰〰〰〰
*~🖋मिंजानिब* 
*🗳मरकज़-ए-अहलेसुन्नत बरेली_शरीफ़*
✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,48*


*🏔कबुतर के बच्चे...✨*

👤एक आराबी अपनी आस्तीन मे कुछ छुपाये हुए हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम की खिदमत मे हाजीर हुआ और कहने लगा ऐ मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम अगर आप बता दे की मेरी आस्तीन के अंदर क्या है तो मै मान लुंगा की वकाई आप सच्चे नबी है।-

💫हुजुर ने फरमाया वकाई ईमान ले आओगे उसने कहा हां वकाई ईमान ले आऊंगा फरमाया तो सुनो, तुम एक जंगल से गुजर रहे थे तुमने एक दरख्त देखा जिस पर कबुतर का एक घोंसला था उस घोंसले मे कबुतर के दो बच्चे थे। 

💫तुमने इन दोनो इन दोनो बच्चे को पकड़ लिया बच्चो की मां ने जब देखा तो वह मां अपने बच्चो पर गीरी तो तुमने उसे भी पकड़ लिया वह दोनो बच्चे और उसकी मां इस वक्त भी तुम्हारे पास है और इस आस्तीन के अंदर है।

🌸आराबी यह सुनकर हैरान रह गया और झट पुकार उठा-- *अशहदु अल-ला-इला ह इल्लल्लाह व अशहदु अन न क रसुलुल्लाह*

*(📚जामिउल मुजिजात सफा-21)*
📜सबक::- हमारे हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम से कोई चीज पिन्हा न थी। एक आराबी भी इस हकीकत को जानता था की जो नबी हो वह गैब जान लेता है।,
〰〰〰〰〰〰
*~🖋मिंजानिब* 
*🗳मरकज़-ए-अहलेसुन्नत बरेली_शरीफ़*
✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,49*

*🌕जमीन पर हुकुमत.*

🌸हुजुर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने हजरत सिद्दिक अकबर रजी अल्लाहु अन्हु के मक्का से हिजरत फरमाई तो कुरैशे मक्का ने ऐलान किया की जो कोइ मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम और उनके साथी सिद्दिके अकबर रजी अल्लाहु अन्हु को गिरफ्तार करके लायेगा उसे सौ ऊंट इनाम मे दिया जाएगा सुराका बिन जअशम ने यह ऐलान सुना तो अपना तेज रफ्तार घोड़ा निकाला और उसपर बैठकर कहने लगा की मेरा यह तेज रफ्तार घोड़ा मुहम्मद और अबु बक्र का पिछा कर लेगा। मै अभी उन दोनो को पकड़कर लाता हुं।
❄चुनांचे:-उसने अपना घोड़ा दौड़ाया। थोड़ी देर मे हुजुर के करीब पहुंच गया । सिद्दिके अकबर ने जब देखा की सुराका घोड़े पर सवार हमारे पिछे आ रहा है हम तक पहुंचेने वाला ही वाला है। तो अर्ज किया या रसुलल्लाह! सूराकाने हमे देख लिया है और शह देखीए हमारे पिछे आ रहा है।

🔹हुजुर ने फरमाया ऐ सिद्दिक कोइ फिक्र ना करो अल्लाह हमारे साथ है इतने मे सुराका बिलकुल करीब आ पहुंचा तो हुजुर ने दुआ फरमाइ जमीन ने फौरन सुराका के घोड़े को पकड़ लिया और उसके चारो पैर पेट तक जमीन मे धस गया सुराका यह मंजर देखकर घबराया और अर्ज करने लगा।

✨या मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम मुझे और मेरे घोड़े को इस मुसीबत से नजात दिलाइये मै आपसे वादा करता हुं की पिछे मुड़ जाऊंगा जो कोई आपका पिछा करता हुआ आपकी तलाश मे इधर आ रहा होगा उसे भी वापस ले जाऊंगा आप तक न आने दुंगा चुनांचे हुजुर के हुक्म से जमीन ने उसे छोड़ दिया।

*(📚सच्ची हिकायत हिस्सा अव्वल पेज नम्बर-36)*

*📜सबक::-हमारे हुजुर का हुक्म व फरमान जमीन पर भी जारी है और काइनात के हर चीज अल्लाह ने हुजुर के ताबे कर दिया है*
〰〰〰〰〰〰
*~🖋मिंजानिब* 
*🗳मरकज़-ए-अहलेसुन्नत बरेली_शरीफ़*
✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,50*

*🥛ख्वाब का दूध.*

  ✨हज़रत शैख अबू अब्दुल्लाह फ़रमाते हैं कि एक मर्तबा हम मदीना मुनव्वरा हाजिर हुए तो मस्जिद नब्बी में मेहराब के पास एक बुजुर्ग आदमी को सोए
हुए देखा थोड़ी देर में वह जागे। जागते ही रौज़ए अनवर के पास जाकर हुजूर अनवर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर सलाम अर्ज़ किया और फिर मुस्कुराते हुए लौटे एक खादिम ने उनसे इस मुस्कराहट की वजह पुछी तो बोले मैं सख्त भूखा था इसी आलम में मैंने रौज़ए अनवर पर हाजिर होकर भूख की शिकायत की तो ख्वाब में मैंने हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को देखा आपने मुझे एक प्याला दूध अता फरमाया मैंने खूब पेट भरकर
दूध पिया फिर उस बुजुर्ग ने अपनी हथेली पर मुंह से थूक कर दिखाया तो हमने देखा कि हथेली पर वाकई दूध ही था।

*(📚सच्ची हिकायत सफ़ह,53,54)*

*📜सबक : हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को ख्वाब में देखने वाला हुजूर ही को देखता है हुजूर की ख्वाब में भी जो अता हो वह वाकई अता होती है यह भी मालूम हुआ कि हुजूर आज भी वैसे ही जिन्दा हैं जैसे पहले थे।*
〰〰〰〰〰〰
*~🖋मिंजानिब* 
*🗳मरकज़-ए-अहलेसुन्नत बरेली_शरीफ़*
✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,51*

*🍪ख्वाब की रोटी.*

🌸हज़रत अबुल खैर फ़रमाते हैं: एक मर्तबा मैं मदीना मुनव्वरा में हाज़िर हुआ तो मुझे पांच दिन का फाका आ गया मैं रौजए अनवर पर हाज़िर हुआ हुजूर पर सलाम अर्ज करके फिर हज़रत अबू-बक्र सिद्दीक और हज़रत उमर रज़ियल्लाहु अन्हुमा पर सलाम अर्ज किया फिर अर्ज कियाः या रसूलल्लाह मैं तो आपका मेहमान हूं और पांच रोज़ से भूखा हूं। अबुल-खैर कहते हैं कि मैं फिर मिम्बर के पास सो गया तो ख्वाब में देखा कि हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम तशरीफ़ लाये हैं आपके दाई तरफ़ हज़रत सिद्दीके अकबर और बाई तरफ़ हज़रत उमर और आगे हज़रत अली रज़ियल्लाहु अन्हुम थे।

 ✨हज़रत अली ने मुझे आगे बढ़कर ख़बरदार किया और फरमाया उठो और देखो रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम तशरीफ़ ला रहे हैं तुम्हारे लिए खाना लाये हैं मैं उठा और देखा कि हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के हाथ में रोटी है वह रोटी हुजूर ने मुझे अता फरमाई मैंने हुजूर की पेशानी अनवर को बोसा देकर वह रोटी ले ली और खाने लगा आधी खाली तो मेरी आंख खुल गई। क्या देखता हूं कि बाकी आधी रोटी मेरे हाथ में है।

*(📚सच्ची हिकायत सफ़ह,53,54)*
*📜सबक::- हमारे हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम विसाल शरीफ के बाद भी कासिमे रिज़्क़ुल्लाह अल्लाह के रिज़्क़ बांटने वाले हैं मोहताजों के दाता हैं यह भी मालूम हुआ कि बुजुर्गोने दीन अपनी तकालीफ़ व मुश्किलात बारगाहे नव्वी में पेश किया करते थे हुज़ूर विसाल के बाद भी अपने गुलामों की फरयाद रसी फ़रमाते हैं।*
〰〰〰〰〰〰
*~🖋मिंजानिब* 
*🗳मरकज़-ए-अहलेसुन्नत बरेली_शरीफ़*
✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,54*

*हज़रत सिद्दीके अकबर रज़ियल्लाहु अन्हु का ख्वाब*

💫हजरत सिद्दीक अकबर रजियल्लाहु अन्हु कब्ल अज इस्लाम (इस्लाम लाने से पहले) एक बहुत बड़े ताजिर (व्यापारी) थे आप तिजारत के सिलसिले में मुल्के शाम में तशरीफ फरमा थे कि एक रात ख्वाब में देखा कि चांद और सूरज आसमान से उतरकर उनकी गोद में आ पड़े हैं। हज़रत सिद्दीक अकबर रज़ियल्लाहु अन्हु ने अपने हाथ से चाद और सूरज को पकड़कर अपने सीने से लगाया और उन्हें अपनी चादर के अंदर कर लिया। 

⛅सुबह उठे तो एक ईसाई राहिब के पास पहुंचे और उससे इस ख्वाब की ताबीर पूछी राहिब ने पूछा कि आप कौन है आपने फरमायाः मैं अबू बक्र हूं। मक्का का रहने वाला हू। राहिब ने पूछाः कौन से कबीले से है? आपने फरमाया बनू हाशिम से। ज़रियए मआश (रोजी-रोटी का ज़रिया) क्या है? फरमाया तिजारत राहिब ने कहाः तो फिर गौर से सन लो, नबी आखिरुज्जमां हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम तशरीफ ले आये। वह भी इसी कबीला बनी हाशिम से हैं। वह आखिरी नबी हैं अगर वह न होते तो खुदाए तआला जमीन व आसमान को पैदा न फ़रमाता। किसी नबी को भी पैदा न फरमाता वह अव्वलीन व आखरीन के सरदार हैं ऐ अबू-बक्र! तुम उसके दीन में शामिल होगे और उसके वजीर और उसके बाद उसके खलीफा बनोगे यह है तुम्हारे ख्वाब की ताबीर यह सुन लो। 

🌸मैंने उसी नबी पाक की तारीफ व नअत तौरात व इंजील में पढ़ी है। मैं उस पर ईमान ला चुका हूं और मुसलमान हूं। लेकिन ईसाईयों के खौफ से अपने ईमान का इजहार नहीं किया। हजरत सिद्दीक अकबर रजियल्लाह अन्हु ने जब अपने ख्वाब की ताबीर सुनी तो इश्के रसूल का जज्या बेदार हुआ और आप फौरन मक्का मोअज्जमा वापस आये। हजूर की तलाश करकेबारगाहे रिसालत में हाज़िर हुए। दीदारे पुर अनवार (आपके नूरानी दीदार
से) अपनी आंखों को ठंडा किया हुजूर ने फरमाया अबू बक्र! तुम आ गये लो अब जल्दी करो और दीने हक में दाखिल हो जाओ। सिद्दीक अकबर ने अर्ज किया बहुत अच्छा हुजूर! मगर कोई मोजिज़ा तो दिखाइये। हुजूर ने फरमाया : वह ख्वाब जो शाम में देखकर आये हो। उसकी ताबीर जो उस राहिब से सुनकर आये हो मेरा ही तो मोजिज़ा है। सिद्दीक अकबर ने यह सुनकर अर्ज़ किया सच फरमाया ऐ अल्लाह के रसूल आपने! मैं गवाही देता हूं कि आप वाकई अल्लाह के सच्चे रसूल हैं।

*(📚सच्ची हिक़ायत सफ़ह)*

*📜सबक : हज़रत अबू-बक्र सिद्दीक रज़ियल्लाहु अन्हु हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के वज़ीर अव्वल और ख़लीफ़ए बिला फ़सल हैं। यह बात पहले ही से मुकर्रर हो चुकी थी। इंजील व तौरेत के हाकिम भी इस हकीकत से बाख़बर थे फिर जो आप की वज़ारत व ख़िलाफत का इंकार करके वह किस कद्र नावाफिक व बे ख़बर हैं यह भी मालूम हुआ कि हमारे हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अगली पिछली दिन और रात की सब बातें जानते थे और आपसे कोई बात गायब न थी।*
〰〰〰〰〰〰
*~🖋मिंजानिब* 
*🗳मरकज़-ए-अहलेसुन्नत बरेली_शरीफ़*
✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨


*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*
इस्लामिक व्हाट्सएप ग्रुप

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,55*

*🚤 नूह अलैहिस्सलाम की किश्ती*

🌋 हज़रत नूह अलैहिस्सलाम की क़ौम बड़ी बदबख़्त और नाआकेबत अंदेश ( अंजाम को न समझने वाली ) थी ! हज़रत नूह अलैहिस्सलाम ने साढ़े नौ सौ साल के अर्से में दिन रात तबलीगे हक़ फ़रमाई, *मगर उनकी कौम ईमान न लाई हज़रते नूह अलैहिस्लाम को बहुत सताया* आखिर हज़रत नूह अलैहिस्सलाम ने उनकी हलाकत की दुआ मांगी और ख़ुदा से अर्ज़ किया कि मौला इन काफ़िरों को जड़ से उखाड़ दे!

🔮 चुनांचे आपकी दुआ कुबूल हो गई और ख़ुदा ने हुक्म दिया ऐ नूह ! मैं पानी का एक तूफ़ाने अज़ीम लाऊंगा और उन सब काफ़िरों को हलाक करूंगा! तू अपने चंद मानने वालों के लिए एक किश्ती बना ले चुनांचे हज़रत नूह अलैहिस्सलाम ने एक जंगल में किश्ती बनाना शुरू फ़रमाई ।

🔥 क़ाफ़िर आपको देखते और कहतेः ऐ नूह ! क्या करते हो ? आप फ़रमाते: ऐसा मकान बनाता हूं जो पानी पर चले! काफ़िर यह सुनकर हंसते और मज़ाक़ बनाया करते थे हज़रत नूह अलैहिस्सलाम फ़रमाते कि आज तुम हंसते हो और एक दिन हम तुम पर हंसेंगे!

🌪️ हज़रत नूह अलैहिस्सलाम ने यह किश्ती दो साल में तैयार की! इसकी लंबाई तीन सौ गज़ चौड़ाई पचास गज़ और ऊंचाई तीस गज़ थी! इस किश्ती में तीन दर्जे बनाये गये थे नीचे के दर्जे में जंगली जानवर और दरिन्दे , दर्मियानी दर्जे में चौपाये वग़ैरह और ऊपर के दर्जे में खुद नूह अलैहिस्सलाम और आपके साथी और खाने पीने का सामान! परिन्दे भी उसी दर्जे में थे! फिर जब बहुक्मे इलाही तूफ़ाने अज़ीम आया तो उस किश्ती पर सवार होने वालों के सिवा रूए ज़मीन पर जो कोई भी था पानी में ग़र्क हो गया! हत्ता कि नूह अलैहिस्सलाम का बेटा कनआन भी जो काफ़िर था उसी तूफ़ान में ग़र्क हो गया!

*( 📚सच्ची हिक़ायत ज़िल्द 1 सफ़ह, 65)*

*📜सबक::-* ख़ुदा की नाफरमानी से इस दुनिया में भी तबाही व हलाकत का सामना करना पड़ता है! अल्लाह और उसके रसूलﷺ पर ईमान और उनकी इताअत से ही दोनों जहान में नजात व फलाह मिल सकती है
*~🖋मिंजानिब*
*🗳मरकज़-ए-अहलेसुन्नत बरेली_शरीफ़*
✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨🌸✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*
इस्लामिक व्हाट्सएप ग्रुप

*📄दर्से सच्ची हिकायत :पोस्ट,56*

*🌊 तूफ़ाने नूह और एक बुढ़िया की झोपड़ी*

🌟 हज़रत नूह अलैहिस्सलाम ने बहुक्मे इलाही जब किश्ती बनाना शुरू की तो एक मोमिना बुढ़िया ने हज़रत नूह अलैहिस्सलाम से पूछा कि आप यह किश्ती क्यों बना रहे हैं ? आपने फ़रमाया बड़ी बी ! एक बहुत बड़ा पानी का तूफ़ान आने वाला है जिसमें सब काफ़िर हलाक हो जायेंगे मोमिन इस किश्ती के ज़रिये बच जायेंगे बुढ़िया ने अर्ज़ किया ए नूह अलैहिस्लाम! जब तूफान आने वाला हो तो मुझे ख़बर कर दीजियेगा ताकि मैं भी किश्ती पर सवार हो जाऊं!

🛖 बुढ़िया की झोंपड़ी शहर से बाहर कुछ फ़ासले पर थी! फिर जब तूफ़ान का वक्त आया तो हज़रत नूह अलैहिस्सलाम दूसरे लोगों को तो किश्ती पर चढ़ाने में मश्गूल हो गये मगर उस बुढ़िया का ख़्याल न रहा हत्ता कि खुदा का हौलनाक अज़ाब पानी के तूफ़ान की शक्ल में आया और रूए ज़मीन के सब काफ़िर हलाक हो गये!

🔥 जब यह अज़ाब थम गया तौर पानी रुक गया और किश्ती वाले किश्ती से उतरे तो वह बुढ़िया नूह अलैहिस्सलाम के पास हाज़िर हुई और कहने लगी हज़रत वह पानी का तूफ़ान कब आयेगा ? मैं हर रोज़ इस इंतज़ार में हूं कि आप कब किश्ती में सवार होने के लिए फ़रमाते हैं! हज़रत नूह ने फ़रमाया: बड़ी बी ! तूफान तो आ भी चुका और काफ़िर सब हलाक भी हो चुके किश्ती के ज़रिये ख़ुदा ने अपने मोमिन बंदों को बचा लिया! मगर तअज्जुब है कि तुम कैसे ज़िन्दा बच गई! अर्ज़ किया : अच्छा यह बात है तो फिर उसी ख़ुदा ने जिसने आपको किश्ती के ज़रिये बचा लिया मुझे मेरी टूटी फूटी झोपड़ी ही के ज़रिये बचा लिया!
*(📚 सच्ची हिक़ायत ज़िल्द 1 सफ़ह,65,66)*

*📜सबक::-* जो ख़ुदा का हो जाये खुदा हर हाल में उसकी मदद फ़रमाता है और बगैर किसी सबबे जाहिर के भी उसके काम हो जाते हैं!
✨➖✨➖✨➖✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*
इस्लामिक व्हाट्सएप ग्रुप

*📄दर्से सच्ची हिक़ायत :पोस्ट,57*

*🌋 नमकहराम गुलाम*

📜फ़िरऔन को पानी का अज़ाब देने से पहले एक मर्तबा जिब्रईल अलैहिस्सलाम फ़िरऔन के पास एक सवाल लाये! जिसका मज़मून यह था कि बादशाह का क्या हुक्म है ऐसे गुलाम के हक़ में जिसने एक शख़्स के माल व नेमत में परवरिश पाई फिर उसकी नाशुक्री की और उसके हक़ में मुनकिर हो गया और अपने आप मौला होने का दावेदार बन गया!  इस पर फ़िरऔन ने जवाब लिखा कि जो नमकहराम गुलाम अपने आक़ा की नेमतों का इंकार करे और उसके मुकाबिल आये उसकी यह सजा है कि उसको दरिया में डुबो दिया जाये!

🌟 चुनांचे फ़िरऔन जब खुद दरिया में डूबने लगा तो हज़रत जिब्रईल ने उसका वही फ़तवा उसके सामने पेश कर दिया और उसको उसने पहचान लिया!

*(📚 सच्ची हिक़ायत ज़िल्द,1 सफ़ह- 89)*
*📜 सबक़::-* इंसान अगर अपने गुलाम की नाफरमानी पर गुस्से में आ जाता है और उसे सज़ा देता है तो फिर वह खुद भी अगर अपने मालिके हकीकी का नाफ़रमान होगा तो सजा भुगतने को तैयार रहे!
✨➖✨➖✨➖✨

*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*

इस्लामिक व्हाट्सएप ग्रुप

*📄दर्से सच्ची हिक़ायत :पोस्ट,58*

*💦 ठंडा चश्मा सबक अमनोज़ किस्सा*

💫 हज़रत अय्यूब अलैहिस्सलाम को अल्लाह तआला ने हर तरह की नेमत अता फरमाई थी! हुस्ने सूरत भी" कसरते औलाद भी और कसरते माल भी! अल्लाह तआला ने आपको आज़माइश में डाला! आपके फरजंद मकान के गिरने से दबकर मर गये!

🌟 तमाम जानवर, जिसमें हज़ारों ऊंट और हज़ारों बकरियां थी सब मर गई! तमाम खेतियां और बाग़ात बर्बाद हो गये! कुछ बाकी न रहा! जब आपको उन चीज़ों के हलाक होने और बर्बाद होने की ख़बर मिली तो आप हम्दे इलाही बजा लाए! फरमाते थे कि मेरा क्या है? जिसका था उसने ले लिया! जब तक मुझे दिया, मेरे पास रहा! मैं उसका शुक्र अदा नहीं कर सकता मैं उसकी मर्ज़ी पर राज़ी हूं!

🩺फिर आप बीमार हो गये! बदने मुबारक पर आबले पड़ गये!जिस्म शरीफ़ सब ज़ख़्मों से भर गया! सब लोगों ने हज़रत अय्यूब अलैहिस्लाम छोड़ दिया, सिवाए आपकी बीवी साहिबा के! वह आपकी ख़िदमत करती रहीं! यह हालत बहुत मुद्दत तक रही!

🔮 आखिर एक रोज़ हज़रत अय्यूब अलैहिस्सलाम ने अल्लाह से दुआ की तो अल्लाह ने फ़रमायाः ऐ अय्यूब! तू अपना पांव ज़मीन पर मार तेरे पैर मारने से एक ठंडा चश्मा निकल आयेगा! उसका पानी पीना और उससे नहाना! चुनांचे हज़रत अय्यूब अलैहिस्सलाम ने अपना पांव ज़मीन पर मारा तो एक ठंडा चश्मा निकल आया जिससे आप नहाये और पानी पिया तो आपका तमाम मर्ज़ जाता रहा!
*(📚सच्ची हिक़ायत ज़िल्द,1 सफ़ह 101)*

*📜 सबक़::* अल्लाह वाले परेशानी और मुसीबत और बीमारियों में घिरकर भी अल्लाह का शुक्र ही अदा करते हैं! उसका शिकवा नहीं करते! अल्लाह के मक़बूलों के पांव में यह भी बरक़त है कि वह पांव मारे तो ऐसा चश्मा निकल आये जिसका पानी मुसीबतों को दूर करने वाला होता है! फिर जो उन मक़बूलाने हक़ के फैज़ व बर्कात का इंकार करता है, वह किस क़द्र जाहिल व बदबख़्त है!
✨➖✨➖✨➖✨

Comments

Popular posts from this blog

शॉर्ट स्टेटस दीनी msg

रोज़ा के फ़ज़ाइल व मसाईल

करामात ए ग़ौसे आज़म