*पाकी का बयान/वुज़ू का बयान*
🇮🇳"सिराते मुस्तक़ीम ग्रुप:
*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*
_आओ इल्म आम करें_
*पाकी का बयान/वुज़ू का बयान*
*पोस्ट नम्बर-: 1*
*📖तरजुमा कंजुल इमान-::* "ऐ ईमान वालों जब तुम नमाज़ पढ़ने का इरादा करो(और वुज़ू न होतो) तो अपने मुँह और कोहनियों तक हाथ को धोओ और सरों का मसह करो और टख़नों तक पाँव धोओ"!
✨मुनासिब मालूम होता है कि अब वुज़ू की फज़ीलत में चन्द हदीसें लिखी जाऐं फिर उसके मुतअल्लिक़ अहकाम ए फिक़्ही का बयान हो !
*📖हदीस-::* हज़रत अबू हुरैरह रदियल्लाहो अन्हु से रावी हुज़ूर ए अक्दस सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम इरशाद फरमाते हैं कि कियामत के दिन मेरी उम्मत इस हालत में बुलाई जाऐगी कि मुँह, हाथ और पैर वुज़ू की वजह से चमकते होंगे तो जिस से हो सके चमक ज़्यादा करे !
*📖हदीस-::* उक्बा इब्ने आमिर रदियल्लाहो तआला अन्हु से मरवी है कि हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम फरमाते हैं कि जो मुसलमान वुज़ू करे और अच्छा वुज़ू करे फिर खड़ा हो और ज़ाहिर व बातिन से अल्लाह की तरफ़ ध्यान देकर दो रकअत नमाज़ पढ़े तो उसके लिए जन्नत वाजिब हो जाती है !
*📖हदीस-::* अब्दुल्लाह इब्ने मसऊद रदियल्लाहो तआला अन्हु से रावी है कि हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम फरमाते है कि जिसने बिस्मिल्लाह कह कर वुज़ू किया उसका सर से पांव तक सारा बदन पाक हो गया और जिसने बगैर बिस्मिल्लाह वुज़ू किया उसका उतना ही बदन पाक होगा जितने में वुज़ू का पानी गया !
*📚(बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 10,11)*
*➡जारी...*
*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*
_आओ इल्म आम करें_
*पाकी का बयान/वुज़ू का बयान*
*अहकाम ए फिक़्ही*
*पोस्ट नम्बर-: 2*
वह आयते करीमा जो गुजिश्ता पोस्ट मे लिखी गई उससे यह साबीत हुआ कि वुज़ू में चार फर्ज़ हैं:-
1• मुँह धोना
2• कोहनियों समेत दोनों हाथ को धोना
3• सर का मसह करना
4• टखनों समेत दोनों पांव धोना
*फायदा:-*
किसी उज़्व को धोने के मानी हैं कि उस उज़्व के हर हिस्से पर कम से कम दो दो बुन्द पानी बह जाऐ ! भीग जाने या तेल की तरह चुपड़ लेने या एक आध बुंद बह जाने को धोना नही कहेंगे न उससे वुज़ू या गुस्ल अदा हो ! इस बात का ध्यान रखना बहुतजरूरी है ! लोग इसकी तरफ ध्यान नही देते और नमाज़ अकारत जाती है यानी बरबाद होती हैं!
बदन में कुछ जगह ऐसी हैं कि जब तक उनका खास ख्याल न किया जाऐ उन पर पानी नहीं बहेगा जिसकी तशरीह हर उज़्व मे की जाऐगी !
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*1⃣मुँह धोना:-* लम्बाई मे शुरू पेशानी से (यानी सर में पेशानी की तरफ़ का वह हिस्सा जहाँ से आम तौर पर बाल जमने शुरू होते हैं!) ठोड़ी तक और चौड़ाई मे एक कान से दुसरे कान तक मुँह है ! इस हद के अन्दर चमड़े के हर हिस्से पर एक बार पानी बहाना फर्ज है !
*🖋मसअला नं.1:-* जिस के सर के अगले हिस्से के बाल गये या जमे नही उस पर वहीं तक मुँह धोना फर्ज़ है जहां तक आदत के मुवाफिक बाल होते हैं और अगर आदत के खिलाफ किसी के नीचे तक बाल जमें हों तो उन ज़्यादा बालों का जड़ तक धोना फर्ज है !
*📚(बहारे शरीअत, हिस्सा 2, सफा 13)*
*➡जारी...*
*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*
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*पाकी का बयान/वुज़ू का बयान*
*अहकाम ए फिक़्ही*
*पोस्ट नम्बर-: 3*
*🖋मसअला नं. 2:-* मुछों, भवों या बच्ची( यानी वह बाल जो नीचे होंट और ठोड़ी के बीच होते हैं) के बाल ऐसे घनें हों की खाल बिल्कुल न दिखाई दे तो चमड़े का धोना फर्ज नहीं और अगर उन जगहों के बाल घनें न हों तो जिल्द का धोना भी फर्ज है!
*🖋मसअला नं. 3:-* अगर मुछें बढकर लबों(होंठ) को छुपा लें तो अगरचे मूंछें घनी हो उनको हटाकर लब धोना फर्ज है !
*🖋मसअला नं. 4:-* दाढ़ी के बाल अगर घनें न हो तो चमड़े का धोना फर्ज है और अगर घने हों तो गले की तरफ़ दबाने से जिस कद्र चेहरे के घेरे में आऐ उनका धोना फर्ज है और जड़ों का धोना फर्ज नहीं ! और हल्क़े से नीचे हों तो उनका धोना जरूरी नही और अगर कुछ हिस्से घनें हों और कुछ छिदरे हों तो जहाँ घने हों वहाँ बाल और जहाँ छिदरे हों उस जगह जिल्द(खाल) का धोना फर्ज है !
*🖋मसअला नं. 5:-* नथ का सूराख़ अगर बन्द न हो तो उस में पानी फर्ज है अगर तंग हो तो पानी डालने में नथ को हिलाऐ वरना नहीं !
*📚(बहारे शरीअत, हिस्सा 2, सफा 13)*
*➡जारी...*
*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*
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*पाकी का बयान/वुज़ू का बयान*
*अहकाम ए फिक़्ही*
*पोस्ट नम्बर-: 4*
*🖋मसअला नं. 6:-* लबों का हिस्सा जो आदत में लब बन्द करने के बिद ज़हिर रहता है उसका धोना फर्ज है अगर कोई खुब जोर से लब बन्द कर ले कि उस में कुछ हिस्सा छुप गया कि उस पर पानी न पहुँचा न कुल्ली की धुल जाता तो वुज़ू न हुआ !
*🖋मसअला नं. 7:-* रूख़्सार(गाल) और कान के बीच जो जगह जिसे कन्पटी कहते हैं उसका धोना फर्ज है ! हां उस हिस्से में जितनी जगह दाढ़ी के घने बाल हों वहाँ बालों का और जहाँ बाल न हों तो जिल्द धोना फर्ज है !
*🖋मसअला नं. 8:-* आँखों के ढेले और पपोटों की अन्दुरूनी सतह़ का धोना कुछ जरूरी नही बल्कि न चाहिए कि उस से नुकसान है !
*🖋मसअला नं. 9:-* पलक का हर बाल पूरा धोना फर्ज है और अगर उस में कीचड़ वगैरा कोई सख्त चीज़ जम गई हो तो उसका छुडाना फर्ज है !
*📚(बहारे शरीअत, हिस्सा 2, सफा 13, 14)*
*➡जारी...*
*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*
_आओ इल्म आम करें_
*पाकी का बयान/वुज़ू का बयान*
*अहकाम ए फिक़्ही*
*पोस्ट नम्बर-: 5*
*2:- हाथ धोना-* (इस हुक्म में कोहनियां भी शामिल है)
*🖋मसअला नं. 10:-* अगर कोहनियों से नाखून तक कोई जगह जर्रा भर भी धुलने से रह जाऐगी तो वुज़ू न होगा !
*🖋मसअला नं. 11:-* हर किस्म के जाइज नाजाईज गहने, छल्ले, अगूंठियां, पहुँचियां, कंगन काँच और लाख वगैरह की चुडियां और रेशम के लच्छे वगैरा अगर इतने हों कि नीचे पानी न बहे तो उतार कर धोना फर्ज है और अगर सिर्फ हिलाकर धोने से पानी बह जाता है तो हिलाना ज़रूरी है और अगर ढीले हों कि बिना हिलाऐ भी नीचे पानी बह जाऐगा तो कुछ जरूरी नही !
*🖋मसअला नं. 12:-* हाथों की आठो घाईयां, उन्गलियों की करवट और नाखून के अन्दर जो जगह खाली है और कलाई का हर बाल जड़ से नोक तक उन सब पर पानी बह जाना जरूरी है ! अगर कुछ भी रह गया या बालों की जड़ों पर पानी बह गया और किसी एक बाल पर पानी न बहा तो वुज़ू न होगा ! मगर नाखूनों के अन्दर का मैल माफ़ है !
*🖋मसअला नं. 13:-* अगर किसी की छह उंगलियां हैं तो सबका धोना फर्ज है और अगर एक मोढे पर दो हाथ निकले तो जो पूरा है उसकि धोना फर्ज है और दुसरे का धोना फर्ज नही मुस्तहब है मगर उस दुसरे हाथ का पुरा हिस्सा जो पुरे हाथ के फर्ज की जगह से मिला हो उतने का धोना फर्ज है !
*📚(बहारे शरीअत, हिस्सा 2, सफा 14)*
*➡जारी...*
*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*
_आओ इल्म आम करें_
*➡(सदक़ा ए ज़ारिया प्रत्येक मैसेज 1₹)*
*पाकी का बयान/वुज़ू का बयान*
*अहकाम ए फिक़्ही*
*पोस्ट नम्बर-: 6*
*3:- सर का मसह करना-* (चौथाई सर का मसह करना फर्ज है)
*🖋मसअला नं. 14:-* मसह करने के लिए हाथ तर होना चाहिए चाहे हाथ में तरी उज़्व के धोने के बाद रह गई हो या नये पानी से हाथ तर कर दिया हो !
*🖋मसअला नं. 15:-* किसी उज़्व के मसह के बाद जो हाथ में तरी बाकी रह जाऐगी वह दुसरे उज़्व के मसह के लिए काफी नही होगी !
*🖋मसअला नं. 16:-* सर पर बाल न हों तो जिल्द की चौथाई और जो बाल हों तो खास सर के बालों की चौथाई का मसह फर्ज है सर का मसह इसी को कहतें है !
*🖋मसअला नं. 17:-* सर से जो बाल लटक रहे हों उस पर मसह करने से मसह न होगा !
*📚(बहारे शरीअत, हिस्सा 2, सफा 14)*
*➡जारी...*
*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*
_आओ इल्म आम करें_
*पाकी का बयान/वुज़ू का बयान*
*अहकाम ए फिक़्ही*
*पोस्ट नम्बर-: 7*
*3:- पाँव धोना-* (चौथा फर्ज पाँव को गट्टों समेत एक धोना है! छल्ले और पाँव के गहनो का वही हुक्म है जो गुजिश्ता पोस्ट मे बयान किया गया !)
*🖋मसअला नं. 18:-* कुछ लोग किसी बीमारी की वजह से पांव के अंगूठे में इतना खींच कर तागा बांध लेते हैं कि पानी का बहना तो दुर किनार तागे के नीचे तर भी नही होता उनको इससे बचना जरूरी है नही तो ऐसी सुरत में वज़ू नही होगा !
*🖋मसअला नं. 19:-* किसी जगह छाला था और वह सूख गया उसकी खाल जुदा करके करके पानी बहाना जरूरी नही बल्कि उसी छाले की खाल पर पानी बहा लेना काफी है !
*🖋मसअला नं. 20-* मछली का सिन्ना अगर वुज़ू के हिस्से पर चिपका रह गया तो वुज़ू न होगा कि पानी उसके नीचे न बहेगा !
*📚(बहारे शरीअत, हिस्सा 2, सफा 15)*
*➡जारी...*
*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*
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*पाकी का बयान/वुज़ू का बयान*
*अहकाम ए फिक़्ही*
*पोस्ट नम्बर-: 8*
*○"वुज़ू की सुन्नतें"○*
*🖋मसअला नं. 21-* अगर छोटे बर्तन में पानी है या पानी तो बड़े बर्तन में है मगर वहाँ कोई छोटा बर्तन भी मौजूद है और उसने बे धोये हाथ पानी में डाल दिया बल्कि उंगली का पोरा या नाखून डाला तो वह सारा का सारा पानी वुज़ू के काबिल न रहा जैसा कि हिदाया, फतहुल क़दीर और फतवा काज़ी खां में है क्युकि वह पानी वुज़ू मुस्तअमल (इस्तेमाल किया हुआ) हो जाता है !
■ यह उस वक्त है कि जितना हाथ पानी में पहुँचा उस का कोई हिस्सा बे धुला हो वरना अगर पहले हाथ धो चुका और उस वक्त के बाद हदस न हुआ(वुज़ू टुटने का सबब न पाया गया) तो जिस कद्र हिस्सा धुला हुआ हो उतना पानी में डालने से मुस्तअमल न होगा अगरचे कोहनी तक हो बल्कि ग़ैर जुनुब(जिस गुस्ल फर्ज न हो यानी पाक शख़्स) ने अगर कुहनी तक हाथ धो लिया तो उसके बाद बगल तक हाथ डाल सकता है कि अब उसके हाथ पर कोई ह़दस बाकी नहीं ! हां जुनुब कुहनी से उपर उतना ही हिस्सा डाल सकता है जितना धो चुका है कि उसके साथे बदन पर हदस है !
*📚(बहारे शरीअत, हिस्सा 2, सफा 16)*
*➡जारी...*
*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*
_आओ इल्म आम करें_
*पाकी का बयान/वुज़ू का बयान*
*अहकाम ए फिक़्ही*
*पोस्ट नम्बर-: 9*
*○"वुज़ू की सुन्नतें"○*
*🖋मसअला नं. 22-* वुज़ू शुरू यूँ करे कि पहले हाथों को गट्टो तक तीन तीन बार धोयें अगर पानी बड़े बर्तन में हो और कोई छोटा बर्तन भी नहीं कि उसमें पानी उंडेल कर हाथ धोये तो उसे चाहिए कि बायें हाथ की उंगली मिलाकर सिर्फ उंगलीयां पानी में डाले हथेली का कोई हिस्सा पानी में न पड़े और पानी निकाल कर दाहिना हाथ गट्टे तक तीन बार धोऐ फिर दाहिने हाथ को जहाँ तक धोया है बिला तकल्लुफ़ पानी में डाल सकता है ! और उससे पानी निकाल कर बायां हाथ धोऐ यह उस सुरत में है कि हाथ में कोई नजासत न लगी हो वरना बर्तन में हाथ डालना किसी तरह जाइज नही अगर नापाक हाथ बर्तन मे डालेगा तो पानी नापाक हो जाऐगा !
*🖋मसअला नं. 23-* मुँह धोते वक्त दाढ़ी का खिलाल करे अगर एहराम बांधे हुए हो तो खिलाल न करे ! खिलाल का तरीका यह होगा कि उंगलियों को गले कि तरफ से दाखिल करे और सामने निकाले !
*📚(बहारे शरीअत, हिस्सा 2, सफा 16)*
*➡जारी...*
*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*
_आओ इल्म आम करें_
*पाकी का बयान/वुज़ू का बयान*
*अहकाम ए फिक़्ही*
*पोस्ट नम्बर-: 10*
*वुज़ू में मकरूह चीजें*
1:- औरत के वुज़ू या गुस्ल के बचे पानी से वुज़ू करना !
2:- वुज़ू के लिए नजिस जगह बैठना !
3:- नजिस जगह वुज़ू का पानी गिराना !
4:- मस्जिद के अन्दर वुज़ू करना !
5:- वुज़ू के किसी उज्व से लोटे वगैरा में पानी का कतरा टपकाना !
6:- पानी में रेठ या खखार डालना !
7:- किब्ले की तरफ थुक खखार या कुल्ली डालना !
8:- बेजरूरत दुनिया कि बातें करना !
9:- ज्यादा पानी खर्च करना !
10:- इतना कम खर्च करना कि सुन्नत अदा न हो सके !
11:- मुँह पर पानी मारना !
12:- मुँह पर पानी डालते वक्त फुकना !
13:- एक हाथ से मुँह धोना ये राफजियों और हिन्दूओं का तरीका है !
14:- गले का मसह करना !
15:- बाऐं हाथ से कुल्ली करना या नाक में पानी डालना !
16:- दाहिने हाथ से नाक साफ करना !
17:- अपने वुज़ू के लिऐ कोई लोटा खास कर लेना !
18:- तीन नये पानी से सर का मसह तीन बार करना !
19:- जिस कपड़े से इस्तिन्जा खुश्क़ किया है उससे वुज़ू के हिस्से पोछना !
20:- धुप के गर्म पानी से वुज़ू करना !
21:- होंठ या आंखे जोर बंद करना और अगर कुछ सूखा रह जाऐ तो वुज़ू न होगा !
*सुन्नत का छोडना मकरूह है ऐसे ही मकरूह का छोडना सुन्न्त है!*
*📚(बहारे शरीअत, हिस्सा 2, सफा 20)*
*➡जारी...*
*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*
_आओ इल्म आम करें_
*पाकी का बयान/वुज़ू का बयान*
*अहकाम ए फिक़्ही*
*पोस्ट नम्बर-: 11*
*वुज़ू के मुतफ़र्रिक(विभिन्न) मसाइल*
*📖मसअला:-* अगर वुज़ू न हो तो नमाज़ सज्दा ए तिलावत नमाज़ ए जनाजा और कुरान शरीफ़ छुने के लिए वुज़ू करना फर्ज है !
*📖मसअला:-* तवाफ के लिए वुज़ू वाजिब है !
*📖मसअला:-* गुस्ले जनाबत से पहले और जुनूब को खाने पीने सोने और अज़ान इकामत और जुमा और अरफा में ठहरने और सफा और मरवा के दरमियान सई करने के लिए वुज़ू कर लेना सुन्नत है !
*📖मसअला:-* जब वुज़ू जाता रहे वुज़ू कर लेना मुस्तहब है !
*📖मसअला:-* नाबालिग़ पर वुज़ू फर्ज नही मगर उन्हें वुज़ू कराना चाहिए ताकि आदत हो और वुज़ू करना आ जाऐ और वुज़ू के मसलों से आगाह हो जाऐं !
*📖मसअला:-* लोटे की टोटी न ऐसी तंग हो की पानी मुश्किल से गिरे और न ऐसी फैली हुई हो कि जरुरत से ज्यादा गिर जाऐ बल्कि दरमियानी हो !
*📚(बहारे शरीअत, हिस्सा 2, सफा 21)*
*➡जारी...*
*🇮🇳सिराते मुस्तक़ीम*
_आओ इल्म आम करें_
*पाकी का बयान/वुज़ू का बयान*
*अहकाम ए फिक़्ही*
*पोस्ट नम्बर-: 12*
*वुज़ू तोडने वाली चीजों का बयान*
*📖मसअला :-* पेशाब, पखाना, वदी, मजी, मनी, कीड़ा और पथरी मर्द या औरत के आगे या पीछे से निकले तो वुज़ू जाता रहेगा !
*📖मसअला :-* अगर मर्द का खतना नही हुआ है और सूराख़ से इन चीजों मे से कोई चीज़ निकली मगर अभी खतने की खाल के अन्दर ही जब भी वुज़ू जाता रहेगा !
*📖मसअला :-* यूँ ही औरत के सूराख़ यानी पेशाब की जगह से कोई नजासत(नापाकी) निकली मगर उपर की खाल के अन्दर है फिर भी वुज़ू जाता रहेगा !
*📖मसअला :-* औरत के आगे ऐसी रूतुबत जिसमें खुन की मिलावट न हो उससे वुज़ू नही टुटता अगर कपड़े में लग जाऐ तो कपड़ा पाक है !
*📖मसअला :-* मर्द या औरत के पीछे से हवा निकले तो वुज़ू टुट जाता है !
*📖मसअला :-* आंख, कान, नाफ़ और छाती वगैरह में दाना या नासुर या कोई बीमारी हो इन वजहों से जो आंसू या पानी बहे तो वुज़ू टुट जाऐगा !
*📚(बहारे शरीअत, हिस्सा 2, सफा 22)*
*➡उन्वान खत्म...*
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